संवाददाता, देवघर : आस्था का प्रतीक शिवगंगा तालाब के घाटों पर इन दिनों गंदगी फैली हुई है. इस पवित्र तालाब में श्रद्धालु डुबकी लगाकर बाबा मंदिर जाते हैं, लेकिन वर्तमान में डुबकी लगाना काफी खतरे से भरा है. नगर निगम की लापरवाही और अनदेखी के कारण शिवगंगा तालाब में लगातार गाद जमा होता जा रही है. खासकर गणेश कला मंदिर के पास स्थित मुख्य गुरजा घाट की स्थिति चिंताजनक हो गयी है. यहां हर साल मूर्ति विसर्जन के कारण तीन-तीन घाटों में भारी मात्रा में मिट्टी और गंदगी इकट्ठा हो चुकी है. दूसरी ओर प्रचंड गर्मी के कारण जलस्तर नीचे जाने से गाद और मिट्टी की मोटी परतें साफ नजर आ रही है. स्थानीय लोगों के अनुसार, इस गाद में मूर्तियों के अवशेष, नुकीले तार, बांस व कांच के टुकड़े जैसी खतरनाक चीजें दबी हुई हैं, जिससे स्नान करने वालों को गंभीर चोट लगने का डर बना हुआ है. इसके अलावा, घाटों पर लगे खतरे के संकेत देने वाले लोहे के पाइप भी जंग खाकर टूट चुके हैं, जिससे घाट में नहाना खतरे से भरा है. जानकारों का कहना है कि जब तक शिवगंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक नहीं लगेगी और नियमित सफाई की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक हर साल ऐसी स्थिति उत्पन्न होती रहेगी. सावन जैसे विशेष महीनों में जब जलस्तर बढ़ेगा और देशभर से श्रद्धालु देवघर पहुंचेंगे, तो उन्हें घाट की गहराई और स्थिति की जानकारी नहीं होगी. ऐसे में स्नान के दौरान पैर फंसने और हादसे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. स्थानीय प्रशासन और नगर निगम से शिवगंगा की नियमित सफाई और घाटों के समुचित मेंटनेंस की मांग की जा रही है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए समय रहते ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी हो गया है, नहीं तो किसी अनहोनी की वजह बन सकती है. क्या कहते हैं नगर आयुक्त जहां तक होगा शिवगंगा से मिट्टी को निकलवाने की व्यवस्था की जायेगी. यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा निगम ही नहीं सरकार की पहली प्राथमिकता है. रोहित सिन्हा, नगर आयुक्त, देवघर
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