देवघर. देवघर से बासुकिनाथ फोरलेन का निर्माण बहुत ही धीमा चल रहा है. एनएचएआइ ने श्रावणी मेला से पहले देवघर-बासुकिनाथ मार्ग में कांवरिया वाहनों के आवागमन के लिए इस वर्ष टू लेन का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है, बावजूद कई जगह काम अधूरा है. टू लेन के लिए मिट्टी लेबलिंग काम भी पूरा नहीं हो पाया है. ऐसी परिस्थिति में श्रावणी मेला में टू लेन भी चालू करना एनएचएआइ के लिए चुनौती बनी हुई है. 13 जून को पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने समीक्षा बैठक में देवघर-बासुकिनाथ मार्ग में निर्माण कार्य की धीमी गति रहने पर कड़ा रुख जताते हुए एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्ट को पांच जुलाई को हर परिस्थिति में टू लेन का काम पूर्ण करने का निर्देश दिया था. पर्यटन मंत्री ने प्रोजेक्ट डायरेक्ट को स्पष्ट रूप से कहा है कि श्रावणी मेला में कांवरियों वाहनों का बासुकिनाथ आने-जाने में कठनाई नहीं होनी चाहिए. ऐसी परिस्थिति में एनएचएआइ को 17 दिनों में आधे दर्जन से अधिक जगहों पर मिट्टी फिलिंग करते हुए सड़क का कालीकरण करना है. साथ ही डायवर्सन हटाकर रोड को कनेक्ट करना है. इस मार्ग में खरगडीहा से तीरनगर के बीच अधिक डायवर्सन है. हालांकि एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीआर पांडेय ने कंस्ट्रक्शन कंपनी को तीन शिफ्टों में काम कर तेजी से टू लेन श्रावणी मेला से पहले पूरा करने का निर्देश दिया है. जिन स्थानों पर भूमि अधिग्रहण की वजह से काम रुका है, उनको छोड़कर शेष भाग में टू लेन का समय पर पूरा करने को कहा गया है. शेष फोरलेन का काम दिसंबर में पूरा करने का लक्ष्य है. देवघर-बासुकिनाथ मार्ग में घोरमारा, तालझारी, सहारा व जरमुंडी में बाइपास निर्माण किया जाना है. एनएच- 114 ए पर कुल 1444 करोड़ रुपये की लागत से देवघर-बासुकिनाथ फोरलेन का टेंडर अप्रैल 2023 में फाइनल हुआ है. दिसंबर तक देवघर-बासुकिनाथ फोरलेन का काम पूरा करने का लक्ष्य है. इस फोरलेन की लंबाई 45.16 किलोमीटर होगी.
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