23 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

पुरुषोत्तम मास व बांग्ला श्रावण में लग रहा भक्तों का तांता, सोमवारी से पहले बढ़ी कतार

पुरुषोत्तम मास में बाबा पर जलार्पण करने आये भक्तों से पुरोहितों के घर भर चुके हैं. वहीं शनिवार को देर रात तक अलग-अलग ट्रेनों से भी हजारों की संख्या में भक्तों के आने की सूचना मिल रही है. शुक्रवार को सुहाने मौसम में कांवरिये नाचते-गाते बाबा मंदिर पहुंचते रहे.

Sawan 2023: पुरुषोत्तम मास व बांग्ला श्रावण में रोजाना भक्तों का तांता लग रहा है. बांग्ला श्रावण की दूसरी सोमवार को देखते हुए शुक्रवार से ही बाबा मंदिर में भक्तों की भीड़ बढ़नी शुरू हो गयी है. वहीं रविवार को पुरुषोत्तम मास में पड़ने वाली खास तिथि तेरस पर भारी संख्या में भक्तों के पहुंचने की संभावना है. साथ ही बांग्ला श्रावण के संयोग के कारण सोमवार को भी काफी भीड़ होने की संभावना है.

भक्तों से भर गये पुरोहितों के घर

पुरुषोत्तम मास में बाबा पर जलार्पण करने आये भक्तों से पुरोहितों के घर भर चुके हैं. वहीं शनिवार को देर रात तक अलग-अलग ट्रेनों से भी हजारों की संख्या में भक्तों के आने की सूचना मिल रही है. शुक्रवार को सुहाने मौसम में कांवरिये नाचते-गाते बाबा मंदिर पहुंचते रहे. इस दौरान नेपाल के जनकपुर धाम से कांवरियों का जत्था डीजे पर बज रहे ”नाचे कांवरिया शिव के नगरिया बनके पुजारीया…” गीत पर नाचते-गाते दिखे. उनका उत्साह देखते बन रहा था.

सुबह सवा तीन बजे खुला बाबा मंदिर का पट

हर दिन की तरह बाबा मंदिर का पट शुक्रवार को अहले सुबह सवा तीन बजे खोला गया. इसके पूर्व मां काली मंदिर के पट को खोलकर पूजा की गयी. उसके पश्चात बाबा मंदिर का पट खोला गया तथा करीब 20 मिनट तक कांचा जल पूजा की गयी. इसके बाद पुजारी ने बाबा की षोड्शोपचार विधि से दैनिक सरदारी पूजा की. वहीं करीब सवा चार बजे अरघा लगाया गया तथा आम कांवरियों के लिए जलार्पण प्रारंभ कराया गया.

  • आस्था के संगम में गोते लगा रहे भक्त

  • तेरस के अवसर पर कल उमड़ेंगे भक्त

मानसरोवर के पास से कतार में लगते रहे भक्त

बाबा मंदिर का पट खुलने के पूर्व रात के ढाई बजे से ही कांवरिये कतारबद्ध होने लगे थे. इस दौरान कांवरियों को पट खुलने के पूर्व मानसरोवर स्थित हनुमान मंदिर के पास से प्रवेश कराया जा रहा था, वहीं पट खुलने के 10 मिनट बाद से ही भक्तों को मानसरोवर स्थित फुट ओवरब्रिज से ही मंदिर में भेजने की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गयी. शीघ्रदर्शनम कूपन लेकर जाने वाले भक्तों को पूर्व की तरह मंदिर प्रशासनिक भव के रास्ते से प्रवेश कराने की व्यवस्था जारी रही.

Also Read: श्रावणी मेला : देवघर में कैसे होता है बाबा बैद्यनाथ का शृंगार और पूजन, यहां देखें

आज दिखावे की भक्ति का बढ़ा प्रचलन : सोमेश

बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन स्थित सरदार पंडा आवास पर साप्ताहिक भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा, जिसमें कथावाचक बबलू महाराज कथा कह रहे हैं. इसमें सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा सहित दर्जनों की संख्या में महिलाएं शामिल होकर भागवत कथा का श्रवण कर रही हैं.. शुक्रवार को वामन अवतार के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जब ब्राह्मण रूप लेकर राजा बलि के यज्ञ में भगवान पहुंचे, तो राजा बलि यज्ञ स्थल से उठकर वामन के पास पहुंचे और उनका अतिथि के रूप में सत्कार किया.

इसी वक्त राजा बलि को समझ में आ गया कि भगवान आज हमारे यहां पधारे हैं क्योंकि भक्तों के हृदय में भगवान सदा वास करते हैं. इसी अनुभूति के साथ राजा बलि से तीन पग भूमि की मांग की. शुक्रराचार्य के बार-बार मना करने के बावजूद उन्होंने वामनावतार को तीन पग भूमि दान स्वरूप दे दी. भगवान ने दो पग में ही तीनों लोक नाप लिया तथा तीसरे पग के लिए स्थान मांगा तो बलि ने अपना शीश नवाकर भगवान को पग रखने के लिए कहा.

तब भगवान साक्षात विष्णु रूप में सामने आकर बलि को पाताल लोक जाने की अनुमति दी और अपनी भक्ति का आशीर्वाद दिया. उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन में लोग भगवान की भक्ति दिखावे के लिए करते हैं. भगवान के दरबार में अहंकार और अपनी शक्ति प्रदर्शन करते हैं, जिससे भक्ति भाव क्षीण हो जाता है. श्रद्धा, भक्ति और विश्वास इन्हीं तीनों पर धर्म का अस्तित्व टिका हुआ है.

बाबा दरबार जैसा सुकून कहीं नहीं…

बाबा भोले के दरबार में ऐसे भी भक्त आते हैं, जिन्हें शारीरिक कष्ट से निजात की आवश्यकता होती है. उनकी भी मनोकामना बाबा पूरी करते हैं. इसे लिए बाबा बैद्यनाथ को वैद्यों का वैद्य कहा गया है. इस दरबार में आने वाले भक्तों की झोली कभी खाली नहीं जाती है. मिर्जापुर से आये दिव्यांग कमलेश कुमार सोनकर बताते हैं कि बाबा से बड़ा कोई दानी नहीं है. यहां आने के बाद मन को जो सुकून मिलता है, वह धरती पर कहीं नहीं मिल सकता है. कमलेश ने बताया कि जब वे नौ साल के थे, तो तेज बुखार हुआ. मां-पिता ने इलाज कराया तो मुझे बुखार से निजात दिलाने के लिए सुई दी गयी.

इससे बुखार तो ठीक हो गया, लेकिन दोनों पैर पोलियो से ग्रसित हो गया. बच्चा था तो कुछ पता नहीं चला, लेकिन जैसे-जैसे बड़ा होता गया, तो इसका एहसास होने लगा. माता जी छोड़ कर चली गयीं, तो दुखों का पहाड़ टूट गया. उसके बाद ट्राई साइकिल से झोला आदि बेचने का काम करने लगे. मन में अजब से थकान महसूस होती थी, हर वक्त दिमाग में चलता था कि जिंदगी मेरे लिए बोझ है और कुछ नहीं.

कुछ लोगों के कहने पर बस से कोरोना के दो साल पूर्व ही सावन महीने में बाबा धाम आना शुरू किया. बता नहीं सकते कि पहले साल ही जब लौटकर गये तो मन को जो सुकून मिला, तब से आना जारी है. कोरोना में भी आये और बाहर से बाबा के पंचशूल का दर्शन कर लौटे. बाबा की कृपा से मन की शांति और घर में सुख-समृद्धि है.

Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel