प्रतिनिधि, चितरा. चितरा कोलियरी में कोयला लोडिंग की समस्या से जूझ रहे कैजुअल मजदूरों और अड़खा लीडरों ने गिरजा खदान में पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता और युवा नेता प्रशांत शेखर की उपस्थिति में बैठक की, जिसमें मजदूरों ने अपनी समस्याओं को रखते हुए कहा कि प्रबंधन द्वारा लगातार जी-3 कोल डंप के मजदूरों को परेशान किया जाता है. कहा कि जब कोयला का स्टॉक मार्च में था तो रोड सेल ऑफर कम कर दिया गया. वर्तमान में कोयला स्टॉक और ऑफर भी है, तो चितरा ए और चितरा बी को डंप कर दिया, जिसके कारण सैकड़ों मजदूर रोजगार के अभाव में रोज वापस लौट जा रहे हैं. ट्रक कम है, जिससे मजदूरों को उस अनुपात में काम नहीं मिल रहा है. इस मौके पर पूर्व विस अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता ने कहा कि पिछले दस वर्षों में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों का रोजगार प्रबंधन और अनुभवहीन नेताओं की मिलीभगत से बर्बाद हो गया. कहा कि 50 वर्षों में पहली बार कोलियरी घाटे में गया है. इसलिए अब एक बार फिर से एक जोरदार आंदोलन की जरूरत है, जिससे आसपास के गावों से आने वाले हजारों दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार मिलेगा. प्रबंधन की तानाशाही रवैया अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. सैकड़ों आदिवासी और पिछड़ा अल्पसंख्यक समुदाय के मजदूरों के रोजी-रोटी कमाने का एक मात्र साधन ट्रकों में कोयला लोड कर उससे मिलने वाली मजदूरी है. उन्होंने कहा कि चितरा ए गिरजा खदान में मजदूरों के आग्रह पर आकर वस्तुस्थिति से अवगत हुए हैं, साथ ही कहा कि जल्द ही कोलियरी महाप्रबंधक से वार्ता कर समस्या दूर की जायेगी, साथ ही युवा नेता प्रशांत शेखर ने कहा कि सारठ पालोजोरी और चितरा के आसपास के बेरोजगार युवाओं, आदिवासी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक परिवारों का एक मात्र रोजगार का साधन दिहाड़ी मजदूरी और कोयला की लोडिंग कर गुजर बसर करना है. इसे हर हाल में सुरक्षित रखने के लिए जो भी कदम उठाना पड़ेगा उठाया जायेगा. मौके पर संतलाल रजक, प्रकाश यादव, पिंटू पाल, काजल अड्डी, जुगनू यादव, महावीर दास, गोरन दास, बलराम भंडारी, कबीर दास, सुशील दास, मनोज दास, जगरनाथ यादव, रवि सिंह, मदन सिंह, राम मोहन चौधरी, युगल राय, भागीरथ यादव सहित सैकड़ों मजदूर उपस्थित थे.
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