विधि संवाददाता, देवघर : न्यायिक दंडाधिकारी बंकिम चंद्र चटर्जी की अदालत में चल रहे दहेज प्रताड़ना के केस में पति मो राशिद को दोषी पाकर ढाई साल की सजा सुनायी गयी. साथ ही इसे 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से एक माह की कैद की सजा काटनी होगी. इसी मामले के दो अन्य आरोपितों मो जावेद एवं मो आबिद शेख को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया. सभी आरोपित हट्टन रोड, आसनसोल के रहने वाले है और सजायाफ्ता मो राशिद की पत्नी निरसत जहां ने यह मुकदमा वर्ष 2021 में दाखिल की थी. दर्ज मुकदमा के अनुसार परिवादिनी का निकाह मो राशीद से 2007 में हुआ था, जिसमें दहेज मे पांच लाख रुपये नकद एवं चार पहिया वाहन मांग रहा था. परिवादिनी के नैहर वाले दहेज की रकम पूरी नहीं करने पर मारपीट की एवं बच्चों के साथ घर से निकाल दिया था. वह अपने मायके कुमुदिनी घोष रोड आयी और पिता के साथ आकर अदालत में कंप्लेंट केस दाखिल की. मामले की सुनवाई के दौरान परिवादिनी की ओर से चार लोगों की गवाही हुई और सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया. अदालत ने परिवादिनी एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस सुनी, पश्चात पति को दोषी करार दिया गया एवं उपरोक्त सजा सुनायी गयी. मालूम हो कि इसमें चार लोगों को आरोपित किया गया था, जिसमें से ट्रायल के दौरान एक आरोपित अकबरी खातून की मौत हो जाने से तीन आरोपितों के विरुद्ध सुनवाई चली. हाइलाइट्स -न्यायिक दंडाधिकारी बंकिम चंद्र चटर्जी के कोर्ट से सुनाया गया फैसला – पति को 500 रुपये जुर्माना भी लगाया, नहीं देने पर एक माह अलग से कैद
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