Holi in Deoghar : होली से पहले बाबानगरी देवघर में आयोजित होने वाले सभी पर्व-त्योहारों के आयोजन की जानकारी बाबा मंदिर की ओर से दे दी गयी है. बाबा मंदिर के इस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने इस संबंध में अपना निर्णय दे दिया है. इसके बाद मंदिर प्रशासन ने लिखित रूप से मंदिर के सभी मुख्य दरवाजे पर आदेश को टांग दिया. जारी निर्णय के अनुसार, बाबानगरी में 13 मार्च (गुरुवार) को सूखी होली यानी गुलाल वाली होली मनायी जायेगी. हरिहर मिलन की परंपरा के निर्वहण के साथ बाबा वैद्यनाथ का स्थापना दिवस मनाया जायेगा. गुरुवार को रात 10:50 बजे होलिका दहन और 11:30 बजे हरिहर मिलन होगा. फिर 11:50 बजे बाबा का शृंगार करने के बाद पट बंद कर दिया जायेगा.
4 बजे के बाद तुरंत खुल जायेगा मंदिर का पट
गुरुवार को बाबा मंदिर के भीतर खंड में स्थित राधाकृष्ण मंदिर से भगवान हरि यानी कृष्ण को दोल मंच के लिए प्रस्थान कराया जायेगा. वहीं बाबा मंदिर का पट खोलकर सरादर पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा द्वारा बाबा पर गुलाल अर्पित कर होली प्रारंभ की जायेगी. इस संबंध में भगवान कृष्ण के पुजारी सह मंदिर उपचारक बताते हैं कि, बाबा मंदिर में जलार्पण के बाद पट बंद होगा तथा शाम चार बजे पट खुल जाएगा. . पट खुलने के साथ मंदिर महंत श्रीश्री सरदार पंडा बाबा पर गुलाल अर्पित कर होली प्रारंभ करेंगे. उसके बाद राधाकृष्ण मंदिर में भगवान को गुलाल अर्पित कर दोल मंच के लिए निकाला जायेगा.
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मंदिर प्रशासन ने द्वार पर चिपकाया सूचना पट
शाम चार बजे के बाद भगवान हरि दोलमंच के लिए प्रस्थान करेंगे वहीं आजाद चौक स्थित दोलमंच पर विधिवत पूजा पाठ के बाद रात 10:50 में होलिका दहन की परंपरा का निर्वहण होगा.वहीं 11:30 बजे के बाद बाबा भोले नाथ का शृंगार पूजा किया जाएगा.
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हरिहर मिलन के बाद होगी श्रृंगार पूजा
चली आ रही परंपरा के अनुसार रात 11:30 बजे हरिहर मिलन के बाद बाबा का शृंगार पूजा की जायेगी. हरिहर मिलन के बाद तुरंत मंदिर की सफाई कर श्रृंगार पूजा की जायेगी. उसके बाद मंदिर का पट बंद कर दिया जायेगा.
बाबा मंदिर से डोली पर निकलेंगे भगवान
बाबा मंदिर से भगवान को डोली पर बिठाकर मंदिर की परिक्रमा करायी जायेगी. उसके बाद मंदिर के पश्चिम द्वार से डोली निकलेगी, जो सरदार पंडा लेन होते हुए सिंह द्वार पूरब द्वार होते हुए बड़ा बाजार के रास्ते से डोली को आजाद चौक स्थित फगडोल पर ले जाया जायेगा. इस दौरान मंदिर के सभी मुख्य द्वार पर डोली को रोक कर और रास्ते में पड़ने वाले सभी चौराहों पर भोग लगाया जायेगा, रास्ते में भक्त डोली पर विराजमान भगवान को गुलाल अर्पित करेंगे. उसके बाद भगवान को फग डोल पर लगे झूले पर बिठाकर भंडारियों द्वारा झुलाया जायेगा. इस दौरान शहरवासी फगडोल पर आकर गुलाल अर्पित करेंगे.
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रात 10:50 में होगा होलिका दहन
परंपरा के अनुसार फगडोल पर होलिका की विशेष पूजा होगी. यहां पर मंदिर की ओर से पुजारी पंडित दुर्गा प्रसाद होलिका की पूजा कर रात के 10:50 में बजे होलिका दहन करेंगे. उसके बाद पुनः डोली पर बिठाकर भगवान को पश्चिम दरवाजे के रास्ते बाबा मंदिर लाया जायेगा. तय समय पर रात के 11:30 बजे हरिहर मिलन की परंपरा को संपन्न कर बाबा वैद्यनाथ का स्थापना दिवस मनाया जायेगा. मान्यता है कि फाल्गुनमास पूर्णिमा तिथि के अवसर पर हरि यानी भगवान विष्णु के हाथों हर यानी भगवान महादेव के शिवलिंग की स्थापना की गई थी तब से इस परंपरा का निर्वहण किया जा रहा है.
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