मधुपुर. शहर से गांव तक अवैध पैथालॉजी में जांच के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है. जांच के नाम पर क्षेत्र में मरीजों की जांच के नाम पर लूट मची हुई है. शहर से गांव तक बिना लाइसेंस के दर्जनों अवैध पैथोलॉजी लैब चल रहा है. विभाग ने गोरखधंधा करने वाले लोगों को पूरी छूट दे रखी है. कई बार पैथोलॉजी के खिलाफ जांच तो हुई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. हद तो यह हो गई है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते अवैध पैथोलॉजी चलाने वालों ने सरकारी अस्पतालों तक पैठ बना ली है.मधुपुर में महज 8 पैथोलॉजी का पंजीकरण सीएमओ ऑफिस में हुआ है, लेकिन शहर से गांव तक देखा जाए तो दर्जनों पैथोलॉजी का संचालन हो रहा है. पाथरोल, करौं, मारगोमुंडा, पंदनिया, जगदीशपुर आदि में अवैध रूप से पैथोलॉजी का संचालन हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने अपनी आंखें बंद कर रखी है. डाक्टर ही जांच के लिए उनके यहां मरीज भेजते हैं. पैथोलॉजी ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट पर डॉक्टरों का भरोसा अस्पताल में चलने वाले पैथोलॉजी से अधिक रहता है.
खून की जांच करता है अनपढ़
शहर में स्थित कुछ पैथालॉजी केंद्रों पर नाबालिग लड़के जांच करने में लगे रहते हैं, जबकि खून-पेशाब की जांच के लिए दो- तीन कर्मचारियों को रखा है. वह अपने तरीके से जांच कर रिपोर्ट मरीजों को दे देते हैं. इस मामले में अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डाॅ मो.शाहिद का कहना है कि, अवैध रूप से चलने वाले पैथालॉजी के बारे में जानकारी नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है