देवघर. बिहार के बांका जिले के आनंदपुर थाने की पुलिस कटोरिया विधानसभा की विधायक निक्की हेंब्रम की ओर से दर्ज कराये गये धोखाधड़ी के केस व एससी-एसटी एक्ट के दो आरोपितों की तलाश में सोमवार को देवघर पहुंची. देवघर नगर थाने की पुलिस के सहयोग से करोड़ों की जालसाजी, हेराफेरी, जाली दस्तावेज तैयार करने व अन्य आरोपों के दो आरोपितों के घर बिहार के बांका जिले के आनंदपुर थाने की पुलिस टीम ने इश्तेहार चिपकाये. स्थानीय पुलिस की मदद से आनंदपुर थाना प्रभारी विपिन कुमार, एसआइ के आनंद ने ढ़ोल बाजा के साथ आरोपित निहाल ठाकुर के बिलासी टाउन स्थित दो ठिकानों व महेश चरण द्वारी के एक ठिकाने पर कोर्ट के आदेश से इश्तेहार चिपकाये. पुलिस व कोर्ट की नजरों में दोनों आरोपित फरार चल रहे थे.
2.02 करोड़ की लेनदेन से जुड़ा है मामला, पेट्रोल पंप चलाने का हुआ था एग्रीमेंट
बताया जाता है कि यह मामला 2.02 करोड़ के लेनदेन से जुड़ा है. इस संबंध में बिहार के बांका जिले के कटोरिया विधानसभा के भाजपा विधायक डाॅ निक्की हेम्ब्रम ने आनंदपुर थाने में इसी वर्ष चार फरवरी को प्राथमिकी दर्ज करायी है. दर्ज मामले में विधायक निक्की ने कही है कि उनके पति स्वर्गीय रमेश हेम्ब्रम ने अपनी जमीन इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन लिमिटेड को 30 वर्ष के लिये लीज पर दो नवंबर 1999 को दी थी. उक्त जमीन पर मेसर्स शिवा सर्विस सेंटर नाम से एक पेट्रोल पंप खोला गया, जो देवघर के बैजनाथपुर मोड़ पर स्थित है. पिछले एक माह से अधिक से फिलहाल उक्त पंप बंद है. 21 जनवरी 2012 को उनके पति व नगर थाना क्षेत्र के बिलासी टाउन निवासी महेश चरण द्वारी के बीच व्यवसाय के तौर पर साझेदारी के रूप में चलाने के लिये बांका में इकरारनामा बनाया गया था. उसके तहत 80 प्रतिशत लाभ का हकदार उनके पति और 20 प्रतिशत लाभ के हकदार महेश चंद्र द्वारी थे. दोनों के बीच व्यवसाय चल रहा था. कारोबार का देखरेख महेश चरण द्वारी द्वारा अपने रिश्तेदार कामेश्वर ठाकुर उर्फ गुल्ली ठाकुर को दे दिया गया. इस काम में कामेश्वर ठाकुर का बेटा निहाल ठाकुर सहयोग करता था. आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर उनके पति को अधिक शराब पिलाना शुरु किया, जिससे वह बीमार हो गये. एक वर्ष बीमार रहने के बाद 29 जून 2023 को उनकी मृत्यु हो गयी. पिछले तीन वर्ष से उनके पति के मौत के बाद उन्हें शिवा सर्विस स्टेशन से एक पैसा भी नहीं मिला, जबकि आइओसीएल द्वारा आपूर्ति की गये पेट्रोल व डीजल के हिसाब से तीन वर्ष में मुनाफा के तौर पर उन्हें 2.02 करोड़ मिलना था, जो आरोपितों ने गबन कर लिया. पैसा मांगने पर टाल मटोल किया जाने लगा. फोन पर बात करने पर महेश ने स्वीकार किया कि तीन वर्ष से लाभ नहीं दिया गया है. महेश ने उन्हें निहाल ठाकुर से बात करने को कहा. कॉल करने पर निहाल द्वारा रिसिव नहीं किया गया. बाद में उनके नंबर को रिजेक्ट लिस्ट में डाल दिया गया. आरोप है कि उन्हें जान मारने की धमकी भी दी गयी. विधायक निक्की ने केस में आरोप लगाया है कि साजिश कर आरोपितों ने फर्जी दस्तावेज भी बना लिये है. दोनों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है. बाद में उन दोनों के खिलाफ कोर्ट से इश्तेहार भी निर्गत हुआ. उसी आधार पर दोनों आरोपितों के घर पुलिस ने इश्तेहार चिपकाये.
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