सारठ. पत्थरड्डा में आयोजित यज्ञ में वृंदावन की कथावाचक आरती किशोरी ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण के श्रवण मात्र से भक्तों के सभी पापों का नाश होता है. साथ ही भक्ति और श्रद्धा बढ़ती है. उन्होंने कहा कि भागवत कथा हमें मोक्ष की ओर ले जाती है. जबकि राम कथा श्रवण करने से हमें जीने की प्रेरणा मिलती है. किस प्रकार हमें जीवन जीना चाहिए और भागवत कथा को श्रवण करने से हमें मृत्यु यानी मोक्ष की प्राप्ति होती है. वहीं, छठे दिन ध्रुव-प्रलाद प्रसंग की चर्चा की. कहा कि भक्त ध्रुव भगवान के सबसे बाल भक्त हुए, जिन्होंने वन में तपस्या करके प्रभु को पा लिया और आज ध्रुव तारे के रूप में हम सबको दर्शन देते हैं. भक्ति करनी हमें ध्रुव से सीखना चाहिए. इसी क्रम में प्रहलाद का पावन चरित्र में किशोरी ने बताया कि किस तरह प्रहलाद राक्षस परिवार में जन्म लेकर भी प्रभु श्री हरि की भक्ति किया. इसीलिए जब समय मिले भगवान का नाम संकीर्तन करना चाहिए. इसके बाद श्रीमद्भागवत की आरती यजमान व समिति द्वारा किया गया.
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