Mahashivratri 2025| देवघर, संजीव कुमार मिश्र : फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष एकादशी को बाबा बैद्यनाथ एवं माता पार्वती के शिखर पर स्थापित पंचशूल को डीसी के विशाल सागर की मौजूदगी में उतारा गया. इस दौरान पंचशूल को स्पर्श करने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा. इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम मंदिर प्रांगण में किये गये थे. आज यानी मंगलवार (24 फरवरी 2025) को बाबा बैद्यनाथ एवं मां पार्वती के मंदिरों के शिखर से खोले गये पंचशूलों की पूजा करके इन्हें फिर से मंदिरों के शिखर पर लगाया जायेगा. उसके बाद गठबंधन की परंपरा का निर्वहण शुरू होगा.
बाबा एवं माता पार्वती मंदिर से खुले पंचशूल कर कराया गया मिलन
बाबा बैद्यनाथ एवं माता मंदिर में लगे पंचशूल को खोलने की प्रक्रिया राजू भंडारी की अगुवाई में दोपहर 2 बजे से शुरू हुई. इस दौरान सबसे पहले दोनों मंदिरों के बीच में लगे गठबंधन को खोला गया. करीब पौने 3 बजे तक दोनों मंदिरों से खोले गये गठबंधन को सुरक्षित तौर पर मंदिर प्रशासनिक भवन में रखा गया. उसके बाद दोनों मंदिरों के शिखर पर एक साथ भंडारी के द्वारा पंचशूल को खोलने कीर प्रकिया शुरू की गयी. सवा तीन बजे के करीब दोनों मंदिरों से पंचशूल को उतारकर मंदिर की छत पर लाया गया. यहां पर सरदार पंडा के भाई बाबा झा ने पंचशूल को पकड़कर नीचे उतारा. पंचशूल को नीचे उतारने के बाद माता के मंदिर से लाये गये पंचशूल से उसका मिलन कराया गया.
- दोपहर 2 बजे से शुरू हुई पंचशूल को उतारने की प्रकिया
- डीसी सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में सवा 3 बजे खोले गये पंचशूल
- बाबा भोलेनाथ एवं माता पार्वती मंदिर से खुले पंचशूल कर कराया गया मिलन
- बाबा भोलेनाथ और पार्वती मंदिर से उतरे पंचशूल के स्पर्श के लिए उमड़ी भीड़
- परिसर से प्रशासनिक भवन तक कड़ी सुरक्षा के बीच लाये गये दोनों पंचशूल

पंचशूलों का मिलन देखने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
इस क्षण को देखने और पंचशूल को स्पर्श करने के लिए बाबा मंदिर में भारी संख्या लोग जुट गये. पंचशूल को किसी तरह का नुकसान न हो, इसके लिए पुलिस ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी. सुरक्षा घेरे में पंचशूल को प्रशासनिक भवन पहुंचाया गया. यहां पर डीसी सह मंदिर प्रशासक विशाल सागर और मंदिर प्रभारी समेत अन्य लोगों ने पंचशूल को सिर से लगाया और बाबा भोलेनाथ और मां पार्वती को नमन किया.

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सरदार पंडा के आवास ले जाये गये पंचशूल
अब तक की परंपरा के अनुसार, सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा के आवास पर पंचशूल को ले जाया गया. यहां पर मंदिर महंत ने पंचशूल को स्पर्श कर नमन किया. इस दौरान डीसी ने कहा कि महाशिवरात्रि को लेकर बाबा मंदिर, शिवगंगा, मंदिर के आसपास के क्षेत्रों के अलावा शिव बारात रूटलाइन में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. देवघर शहर के साथ मंदिर की साफ-सफाई, साज-सज्जा और सजावट का काम भी विशेष रूप से किया जायेगा.
थम गयी गठबंधन चढ़ाने की परंपरा
बाबा बैद्यनाथ एवं माता पार्वती के मंदिर से प्रेम के प्रतीक के तौर पर बंधे गंठबंधन को खोले जाने के साथ ही आम लोगों के लिए गंठबंधन चढ़ाने की परंपरा आज से बंद हो गयी. अब इस परंपरा की शुरुआत मंगलवार से होगी. पंचशूल की पूजा संपन्न होने के बाद सभी मंदिरों में पंचशूल स्थापित होने के बाद मंदिर महंत सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा पहला गठबंधन चढ़ाकर इस परंपरा की शुरुआत करेंगे.

ये लोग भी रहे मौजूद
इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी रवि कुमार, नजारत उपसमाहर्ता शैलेश कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार भारती, गोपनीय प्रभारी मुकेश कुमार, जिला खेल पदाधिकारी संतोष कुमार, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त के अलावा संबंधित अधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित के साथ काफी संख्या में स्थानीय लोग और श्रद्धालु मौजूद रहे.
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