मधुपुर. प्रखंड क्षेत्र की 21 पंचायत में मनरेगा में कार्यरत 65 हजार मजदूरों का मजदूरी का भुगतान पिछले तीन माह से नहीं होने के कारण मजदूर पलायन के लिए विवश हैं. प्रखंड क्षेत्र में 21 हजार 108 मजदूर एक्टिव मजदूर है. मजदूरों का मजदूरी भुगतान 2 करोड़ बकाया है. बताया जाता है कि मनरेगा सामग्री मद में तीन करोड़ 75 लाख बकाया है. जिस कारण पुरानी संचालित योजनाओं को बंद करने में परेशानी हो रही है. जहां एक ओर सरकार मजदूरों के पलायन को रोकने की दिशा में काम मांगों अभियान पंचायत में चल रही है. वहीं, दूसरी ओर मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं होने के कारण मजदूर शहर छोड़कर काम की तलाश में अन्यत्र जाने को विवश हैं. मजदूरों का कहना है कि मजदूरी भुगतान नहीं होने के कारण उनलोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. घर चलाने के लिए अब राशन दुकानदार उधार राशन देने से मना कर रहे हैं. ऐसे में उनलोगों को परिवार का भरण-पोषण करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा योजना से मिट्टी मोरम सड़क, तालाब जीर्णोद्धार, डोभा निर्माण, भूमि समतलीकरण, आम बागवानी योजना, प्रधानमंत्री व अबुआ आवास निर्माण समेत अन्य कार्यों में मजदूरों के द्वारा कार्य किया गया. पर अब तक उसका भुगतान मजदूरों के खाते में नहीं हुआ है, जिससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है. अब उनलोगों को मुंबई, गोवा, हैदराबाद, कोलकाता समेत अन्य राज्यों में काम के तलाश में जा रहे है.
क्या कहते हैं बीडीओ
जिले को मजदूरी भुगतान के लिए पत्र लिखा गया है. राशि आवंटन होते ही शीघ्र भुगतान किया जायेगा.– अजय कुमार दास
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