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रूआर कार्यक्रम के तहत देवघर के 11,221 ड्राप आउट बच्चों को स्कूल पहुंचाने का लक्ष्य

देवघर जिले में रूआर कार्यक्रम चल रहा है, जो 10 मई तक चलेगा. झारखंड में सबसे ज्यादा ड्राप आउट बच्चे देवघर जिले में है और राज्य के आउट ऑफ स्कूल 59 हजार बच्चों के नामांकन का लक्ष्य रखा गया है.

वरीय संवाददाता, देवघर. राज्य के साथ-साथ देवघर जिले के सरकारी स्कूलों में नामांकन के लिए बैक टू स्कूल कैंपेन (रूआर-2025) चल रहा है. स्कूल स्तर पर बैक टू स्कूल कैंपेन 25 मई से शुरू हुआ, जो कैंपेन 10 मई तक संचालित होगा, जिसमें स्कूल से बाहर रह गये शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन सुनिश्चित कराने पर जोर है. जिले में हुए शिशु पंजी सर्वे में 11,221 बच्चे आउट ऑफ स्कूल मिले थे. इनमें 7993 बच्चे कक्षा एक से आठ तक और 3228 बच्चे माध्यमिक कक्षा के हैं.

सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. विभागीय जानकारी के अनुसार कैंपेन के तहत विद्यालय को वैसे बच्चों से भी संपर्क करने को कहा गया है, जो नामांकन के बाद लगातार विद्यालय नहीं आ रहे हैं. प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालय तक के प्रधानाध्यापकों को अपने विद्यालय के पोषक क्षेत्र के विद्यालय के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है. प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक नामांकन को लेकर निकटतम आंगनबाड़ी केंद्र में संपर्क करेंगे. मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय और हाइस्कूल के प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय के प्रधानध्यापक से संपर्क कर नामांकन के लिए बच्चों के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे.

सबसे अधिक बच्चों का आंकड़ा देवघर जिले में

विभागीय जानकारी के अनुसार, राज्य में सबसे अधिक ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या देवघर में है. जिले में सबसे अधिक 7,985 बच्चे ड्रापआउट हैं, जबकि 08 बच्चे न्यू इंरोलमेंट हुए हैं. वहीं जामताड़ा जिला में सबसे कम 12 बच्चे ड्रॉप आउट हैं. माध्यमिक कक्षा में भी सबसे अधिक ड्रॉप आउट बच्चे देवघर में ही हैं. माध्यमिक कक्षा में देवघर में कुल 3,228 बच्चे ड्रॉपआउट हैं. उल्लेखनीय है कि कक्षा एक से आठ तक में राज्य में कुल 43250 बच्चे आउट ऑफ स्कूल हैं. इनमें 24649 बच्चे ड्रॉप आउट और 18601 ऐसे बच्चे हैं, जिनका स्कूल में कभी नामांकन हुआ ही नहीं. इन बच्चों को बैक टू स्कूल कैंपेन(रूआर-2025) के तहत स्कूलों में वापस लाना है.

कहते हैं एडीपीओ

रूआर कार्यक्रम-2025 के तहत जिले के प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों के 11221 बच्चों को चिह्नित किया गया है, अभियान के दौरान ही बच्चों व उन बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें स्कूलों में वापस लाने का लक्ष्य है. 10 मई तक इस आंकड़े को प्राप्त करना लक्ष्य है.

अंबुज पांडेय, एडीपीओ, झारखंड समग्र शिक्षा परियोजना, देवघर B

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