प्रतिनिधि, बरहरवा बिंदुधाम सिदो-कान्हू महाविद्यालय (बीएसके कॉलेज) में लंबे समय से स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रम शुरू करने की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गयी है. इससे स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले विद्यार्थियों को आगे की शिक्षा के लिए अन्य स्थानों पर जाने की कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. कॉलेज के छात्र संघ ने कई बार कुलपति, प्रति-कुलपति, स्थानीय विधायक और मंत्रियों से पीजी शिक्षा शुरू कराने की मांग की, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला. वर्तमान में, साहिबगंज जिले में सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय से संबद्ध कई कॉलेजों में स्नातक स्तर की शिक्षा उपलब्ध है, जिनमें साहिबगंज कॉलेज, बाबूलाल नंदलाल बोहरा राजमहल कॉलेज, शिबू सोरेन जनजातीय डिग्री कॉलेज, बीएसके कॉलेज और बीएसए महिला कॉलेज शामिल हैं. जिले में केवल साहिबगंज कॉलेज में हो रही पीजी की पढ़ाई हालांकि, पूरे जिले में केवल साहिबगंज कॉलेज में ही स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती है. पाकुड़ जिले में भी कुमार कालिदास मेमोरियल (केकेएम) कॉलेज में सिर्फ स्नातक स्तर की पढ़ाई उपलब्ध है. इस कारण से दोनों जिलों साहिबगंज और पाकुड़ के विद्यार्थियों को पीजी की पढ़ाई के लिए साहिबगंज कॉलेज ही जाना पड़ता है. उच्च शिक्षा के लिए लंबी दूरी की बाधा पाकुड़ के विद्यार्थियों को पीजी की पढ़ाई के लिए लगभग 105 किलोमीटर, बरहरवा के विद्यार्थियों को 75 किलोमीटर और बोरियो के विद्यार्थियों को 35 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. यह दूरी न केवल उनके समय और ऊर्जा पर प्रभाव डालती है, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता है. यह सवाल उठता है कि आखिर कब तक विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए इधर-उधर भटकना पड़ेगा. शिक्षा की कमी और विद्यार्थियों की रुचि साहिबगंज और पाकुड़ जिले उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़े हुए हैं. उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों की कम रुचि का एक मुख्य कारण कॉलेज की अधिक दूरी भी है. दूर होने के कारण कई विद्यार्थी कॉलेज तक पहुंच ही नहीं पाते और धीरे-धीरे शिक्षा से दूरी बना लेते हैं. विशेष रूप से लड़कियों के लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक है. आंकड़ों के अनुसार, इन दोनों जिलों में शिक्षा का औसत प्रतिशत लगभग 50% है. ऐसे में सरकार को विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा की बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए. इससे न केवल उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि छात्राओं की भागीदारी भी बढ़ेगी. सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के पीजी केंद्र सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अंतर्गत केवल पांच केंद्रों पर स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती है: – यूनिवर्सिटी कैंपस, दुमका – साहिबगंज कॉलेज, साहिबगंज – ए एस कॉलेज, देवघर – गोड्डा कॉलेज, गोड्डा – देवघर कॉलेज, देवघर इन केंद्रों में पीजी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन चांसलर पोर्टल के माध्यम से किये गए हैं. मेरिट सूची 20 फरवरी को जारी की जाएगी, जिसके बाद 21 से 28 फरवरी तक दस्तावेजों का सत्यापन होगा और 2 मार्च तक शुल्क जमा करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. कक्षाएं 3 मार्च से शुरू हो जायेंगी. हालांकि, बीएसके कॉलेज और केकेएम कॉलेज में अब तक पीजी की पढ़ाई शुरू करने की कोई पहल नहीं की गयी है. बीएसके कॉलेज में पीजी की पढ़ाई से संभावित लाभ बीएसके कॉलेज में वर्तमान में कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय में लगभग 4500 विद्यार्थी नामांकित हैं. बरहरवा, पतना, बरहेट, उधवा और मंडरो जैसे विभिन्न प्रखंडों के विद्यार्थी यहां शिक्षा प्राप्त करते हैं. इनमें से बहुत कम विद्यार्थी ही आगे पीजी की पढ़ाई के लिए नामांकन करा पाते हैं, और खासतौर पर लड़कियों की संख्या इसमें और भी कम होती है. इसी तरह, पाकुड़ जिले के केकेएम कॉलेज में भी महेशपुर, हिरणपुर, अमड़ापाड़ा, लिट्टीपाड़ा और पाकुड़िया प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों से विद्यार्थी आते हैं. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें पीजी के लिए अन्य कॉलेजों में जाना पड़ता है, जो उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है. अगर बीएसके कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू होती है, तो इससे न केवल साहिबगंज बल्कि पाकुड़ जिले के विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा. बरहरवा से पाकुड़ की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है, ऐसे में बीएसके कॉलेज में पीजी शुरू होने से इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को अपने जिले में ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. विधायक निसात आलम ने मंत्री से मिल पीजी पढ़ाई शुरू कराने की मांग की पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र की विधायक निसात आलम ने जनवरी माह में सरकार के नगर विकास, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग तथा पर्यटन एवं कला-संस्कृति विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू से मुलाकात कर केकेएम कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू करने और बीएसके कॉलेज में शिक्षकों की कमी को दूर करने की मांग की. उन्होंने बताया कि यदि बीएसके कॉलेज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की जाती है, तो स्थानीय विद्यार्थियों को दूरस्थ कॉलेजों में नहीं जाना पड़ेगा. इससे वे आसानी से अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगे और उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. गरीब तबके के विद्यार्थियों को मिल पायेगी आर्थिक राहत बीएसके कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू करने की मांग वर्षों से की जा रही है, लेकिन अब तक इसे पूरा करने की दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है. इस कॉलेज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू होने से विद्यार्थियों को लंबी दूरी की समस्या से मुक्ति मिलेगी, आर्थिक रूप से राहत मिलेगी और उच्च शिक्षा के प्रति उनकी रुचि भी बढ़ेगी. सरकार को इस ओर जल्द ध्यान देकर आवश्यक कदम उठाने चाहिए, ताकि क्षेत्र के विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक अवसर मिल सकें. ——————————————– बरहरवा के साथ-साथ पाकुड़ जिले के विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित
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