देवघर. शब्दवीणा जिला समिति की ओर से अटल लैंग्वेज लैब में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों ने गंगा, पर्यावरण और राष्ट्र प्रहरियों को समर्पित रचनाएं प्रस्तुत कीं. देश के जवानों के त्याग, प्रकृति की पुकार और गंगा की पवित्रता को शब्दों में पिरोकर कवियों ने ऐसी भावविभोर प्रस्तुति दी. संस्था के राष्ट्रीय परामर्शदाता व झारखंड प्रदेश संरक्षक रिटायर्ड प्रो रामनंदन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो रश्मि प्रियदर्शनी व जिलाध्यक्ष डॉ विजय शंकर अतिथि के तौर पर मौजूद थे. एक शाम गंगा, पर्यावरण और राष्ट्र प्रहरियों के नाम विषयक कवि गोष्ठी में डॉ विजय शंकर, बबन बदिया, प्रशांत कुमार सिन्हा, मधुलिका शंकर, शंभु कुमार मिश्र एवं आमंत्रित अन्य कवि-कवयित्रियों ने कविता सुनायी. गोष्ठी के संयोजन में शब्दवीणा देवघर जिला समिति के अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष डॉ इति कुमारी, सचिव डॉ परशुराम तिवारी, संगठन मंत्री सोनाली भारती, कोषाध्यक्ष बबन बदिया, साहित्य मंत्री सोनम झा की सामूहिक भूमिका रही. गोष्ठी में सोनम झा ने कविता -हां ठीक है, अपने पीछे तुम लाखों की संपत्ति छोड़कर कर जाओगे, लेकिन स्वच्छ हवा, कलकल बहती नदियां व वृक्ष लगे पर्वत कहां से लाओगे… सुनायी. धीरेन्द्र छतहारवाला ने मेरा जीवन एक कहानी है.. तू पूजा है, मैं पुजारी हूं.. सुनाकर मुग्ध किया. डॉ परशुराम तिवारी के सुमधुर गीत -चलो कुछ पेड़ लगायें, आसमां स्वच्छ बनायें …सुनायी. मौके पर बिहार प्रदेश संरक्षक प्रो सुबोध कुमार झा, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा प्रसाद कुमकुम, अरुण कुमार यादव, प्रो नूतन शर्मा, अर्पणा कुमारी, मंत्री डॉ रजनी शर्मा, चंदा, आशीष जैन, पूनम शर्मा स्नेहिल, सुरजीत झा आदि मौजूद थे. हाइलाइट्स कवि गोष्ठी में विभिन्न विधाओं पर सुनायी कविता, झूमते रहे लोग शब्दवीणा की देवघर जिला समिति के बैनर तले हुआ आयोजन
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