मधुपुर. शहर के भेड़वा स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में प्रसिद्ध साहित्यकार भीष्म साहनी का स्मृति दिवस मनाया गया. उपस्थित लोगों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. मौके पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि लेखक आवाम की अनुभूतियों का आइना होता है. वे अपनी जगह से हमेशा सच को सामने लाता है. साथ ही उन शक्तियों को बेनकाब करता है, जो इस दुनिया को बेनूर बनाने पर तुले हैं. लेखक हमेशा से दुनिया में मशाल की भूमिका में रहा है. भीष्म साहनी ऐसे ही लेखक थे. जिन्होंने साहित्यकार, उपन्यासकार, नाटककार, अनुवादक, अभिनेता व शिक्षक की भूमिका निभाई. उनके उपन्यास – तमस को काफी ख्याति मिली. उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया. वे धर्म को रुमानी रूप में दिखाई जाने के शक्त विरोधी थे. वे इसे प्रगति के बाधक मानते थे. उन्होंने कहा कि वे उन शक्तियों को बेनकाब करते रहे, जो समाज व दुनिया को बेनूर करने पर तूले हुए हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में लेखकों की भूमिका लोगों को ज्यादा सचेत करने की है. भटके हुए लोगों को राहत दिखाने की है. क्योंकि इस दुनिया में हमेशा से साहित्य व साहित्यकार ही मार्गदर्शन करता आया है. आज के मौजूदा हालात में साहित्यकार, कलमकार, पत्रकार सहित तमाम बुद्धिजीवियों को एकजुट होकर सामने आना होगा और एक बेहतर समाज व राष्ट्र गढ़ना होगा. अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किया.
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