मधुपुर. नप क्षेत्र के 23 वार्डों से डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाले वाहन देखरेख के अभाव में बेकार पड़ा हुआ है. शहर के 23 वार्डों से डोर टू डोर कचरा उठाने के अलावा बाजार से भी कचरा उठाव उक्त वाहन से किया जाता है. बताया जाता है कि वर्तमान में मात्र 7 वाहन से कचरा उठाव किया जा रहा है. शहर के कई मोहल्लों में दोपहर तक कचरा उठाया किया जा रहा है. वाहनों के खराब हो जाने के कारण शहर में कचरा संग्रहण की व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. बताया जाता है कि डोर-टू-डोर जाकर कचरा एकत्र करने वाले 23 वाहन रखरखाव के अभाव में खराब पड़े है. इनमें दो वाहन बनने के लिए दुमका सर्विस सेंटर भेजा गया है. कई वाहन तो नगर परिषद परिसर में जंग खा रहे है. नगर परिषद के पास वार्डों की संख्या के अनुरूप वाहनों की कमी है. इस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग अपने घरों में दोपहर तक कचरा वाहन के आने का इंतजार करते रहते हैं. पहले कुल 23 वाहनों द्वारा कचरा उठाव किया जा रहा था. अब वाहनों की कमी के कारण 23 वार्डों में घर-घर जाकर कचरा उठाव करने में सफाई कर्मचारियों को भी परेशानी हाे रही है. शहर में कई वार्ड इतने बड़े है कि वहां दो बार कचरा उठाव करना पड़ रहा है. शहर के मुख्य बाजार में भी दिक्कतें बढ़ गयी है. दुकानों से निकलने वाला कचरा भी दोपहर बाद ही उठाया जा रहा है. बाजार से रात को भी कचरा उठाया जाता है. पिछले दो साल से स्वच्छता सर्वेक्षण में जितने सुधार हुए थे, अब वैसी स्थिति नहीं है. लगातार सफाई में लापरवाही के कारण व्यवस्थाएं काफी खराब हो गयी है. डोर-टू-डोर जाने वाले कर्मचारियों का कहना है वाहनों के सुधार के लिए सामान सही समय पर नहीं मिल रहा है. वाहनों के इंजन खराब हुए डेढ़ महीने से ज्यादा समय हो गया है. कंपनी को कई बार सुधार के लिए कहा गया, लेकिन अब तक सामान नहीं मिला है. छोटी-मोटी परेशानी को हम अपने स्तर पर ही दूर कर लेते है. पर खराब हुए सामान को बदलना ही पड़ता है. बताया जाता है कि मधुपुर वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को डोर-टू-डोर कचरा उठवाने का काम दिया गया है. वाहन कम होने से रोस्टर के हिसाब से काम चल रहा है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
खराब वाहन को मरम्मत व मेंटेनेंस के लिए एजेंसी को ही करना है. पार्ट्स नहीं मिलने के कारण कई वाहन नहीं बन पा रहा है. जल्द ठीक कर लिया जाएगा.– सुभाष हेंब्रम,
नगर प्रबंधक ———मधुपुर में स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपये से खरीये गये वाहन डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाले वाहन देखरेख के अभाव में पड़ा है बेकार
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