प्रतिनिधि, जसीडीह . जसीडीह के डाबरग्राम मोड़ स्थित इस्कॉन मंदिर के प्रस्तावित जगह पर बुधवार को भगवान जगन्नाथ के स्नान पूर्णिमा व स्नान यात्रा के साथ रथयात्रा महोत्सव की शुरुआत की गयी. स्नान यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा का महाअभिषेक, 108 भोग निवेदन, महाआरती के अलावा कीर्तन का भी आयोजन किया गया. इसके बाद भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया जायेगा. भगवान का स्नान विभिन्न तीर्थ स्थानों से 108 घड़े में लाये गये जल में चंदन, गुलाब, घी, दही आदि मिलाकर कराया गया. इसके महाअभिषेक के बाद भगवान को 108 निवेद से महाभोग लगाया गया. इस्कॉन देवघर प्रमुख श्रीनिवास गोपाल दास ने भगवान जगन्नाथ की यात्रा की कथा सुनाते हुए कहा की पूरे जगत के नाथ भगवान जगन्नाथ का आज प्रकाट्य दिवस ( जन्मदिन ) व स्नान यात्रा है. स्नान यात्रा के बाद भगवान 15 दिनों तक बीमार हो जाते हैं और भक्तों को दर्शन नही देते हैं.15 दिनों तक भगवान भक्तों से सिर्फ सेवा लेते हैं. हरेक वर्ष जेष्ठ पूर्णिमा को स्नान यात्रा होती है, जिसे स्नान उत्सव व स्नान पूर्णिमा कहा जाता है. इस दौरान भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र व सुभद्रा मंदिर परिसर से बाहर आते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं.इसके बाद भगवान को स्नान कराया जाता है. स्नान यात्रा के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं, जो 15 दिनों के लिए अपने मासी के घर (मासी बाड़ी) जाकर विश्राम करते हैं. इस समय भगवान अपने कुछ सेवकों को छोड़ कर किसी को दर्शन नही देते हैं. 15 दिनों के विश्राम के बाद भगवान जगन्नाथ, श्री बलभद्र व सुभद्रा महारानी के साथ अपने सुदर्शन रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं और अपने भक्तों को दर्शन देते हैं.
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