सारठ. पालोजोरी थाना क्षेत्र के दुधानी गांव निवासी मेराज की मौत ने पूरे इलाके को सुलगा दिया है. घटना के बाद बुधवार की शाम से ही लोग पुलिस के खिलाफ आक्रोशत हो गये थे, लेकिन गुरुवार की सुबह गुस्सा इस कदर फूट पड़ा कि पालोजोरी थाना के सामने रणक्षेत्र बन गया. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने मेराज को साइबर अपराधी बताकर हिरासत में लिया था, जिसके बाद उसकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी. इस खबर के फैलते ही गुस्सायी भीड़ ने थाने पर धावा बोल दिया.
गुरुवार की सुबह करीब 500 ग्रामीण थाना के सामने चौक पर पहुंचे और जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. भीड़ ने थाना परिसर के बाहर पथराव शुरू कर दिया. पुलिसकर्मियों पर पत्थरों की बारिश होते देख स्थिति बेकाबू हो गयी. स्थानीय बाजार में दुकानें बंद करायी गयी और साप्ताहिक हटिया को भी जबरन बंद करा दिया गया. सब्जी बेचने आये फुटकर दुकानदारों को खाली हाथ लौटना पड़ा.पुलिस की सख्ती के बाद छंटी भीड़, फ्लैग मार्च से कायम की गयी शांति
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये पुलिस ने सख्ती दिखायी. एसडीपीओ रंजीत लकड़ा की अगुवाई में कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. उपद्रवियों को खदेड़ने के लिये आंसू गैस के गोले छोड़े गये और लाठीचार्ज किया गया. इसके बाद भीड़ छंट गयी. शांति बहाल करने के लिये पुलिस ने मुख्य बाजार और आसपास के गांवों में फ्लैग मार्च भी किया. इसी बीच कुछ लोगों ने घटनास्थल पर मोबाइल से वीडियो और फोटो लेने की कोशिश की, तो आक्रोशित भीड़ ने उनसे मारपीट भी की. पुलिस ने 30 बाइकें जब्त की हैं और उपद्रवियों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की बात कही है.पूर्व सांसद ने की निष्पक्ष जांच की मांग, विपक्ष पर लगाया साजिश का आरोप
दोपहर लगभग 12 बजे गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी अपनी पुत्री के साथ थाना पहुंचे. उन्होंने एसडीपीओ से कहा कि किसी निर्दोष को इस मामले में फंसाया न जाये, साथ ही विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं. उन्होंने साइबर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीणों को अपराधी बताकर उठाया जा रहा है और उनसे जबरन पैसे वसूले जा रहे हैं.सीओ ने कहा भीड़ को काबू में लाने के लिये बल प्रयोग करना पड़ा
सीओ अमित कुमार ने बताया कि पुलिस द्वारा एक साइबर अपराधी को दुधानी से पकड़ा गया था, जिसकी मौत के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई. उन्होंने बताया कि वार्ता की कोशिश चल रही थी लेकिन इसी दौरान भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया. भीड़ को काबू में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पूरे मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा.एसडीपीओ ने कहा पथराव में पुलिस को लगी है चोट
एसडीपीओ रंजीत लकड़ा ने कहा कि स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जायेगी. उन्होंने कहा कि पुलिस पर हुए पथराव में कई जवान घायल हुए हैं और उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. पुलिस अब पूरे घटनाक्रम की गंभीरता से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल, गांव और थाना क्षेत्र में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गयी है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है.गांव में शव पहुंचते ही मातम पसरा
वहीं, जैसे ही मृतक मेराज का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके गांव पहुंचा, पूरे गांव में मातम छा गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मृतक की पत्नी सहित मां और उसके दो बेटियों व बेटे का रोना-बिलखना देखकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गयी. हजारों की संख्या में लोग मृतक को अंतिम विदाई देने जुटे थे.स्थिति नियंत्रित करने में ये अधिकारी रहे मौजूद
सारठ. स्थिति नियंत्रित करने के लिये एसडीपीओ रंजीत लकड़ा सहित पालाजोरी बीडीओ अमीर हमजा, सीओ अमित कुमार भगत, साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सहदेव प्रसाद, पालाजोरी इंस्पेक्टर नगेंद्र कुमार मंडल, थाना प्रभारी पालोजोरी प्रभात कुमार, सारठ थाना प्रभारी सूरज कुमार, पथरड्डा ओपी प्रभारी शालो हेम्ब्रम के अलावे खागा, चितरा मारगोमुंडा के कई पुलिस पदाधिकारी व करीब 150 से 200 की संख्या में सशस्त्र पुलिसकर्मी लगे रहे.मेराज की मौत के बाद पालोजोरी थाना में आक्रोशित भीड़ ने जमकर मचाया उत्पात500 से अधिक ग्रामीणों ने थाने का किया घेराव, पुलिस पर जमकर हुआ पथरावबाजार और हाट बंद कराने पहुंचे लोग, दुकानदारों में मचा हड़कंपपत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल, 30 बाइकें जब्तशव पहुंचते ही दुधानी गांव में मातम, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
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