देवघर. शहर के रामराज आश्रम में रविवार को प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में बहुभाषी कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें शहर के जाने-माने कवियों व प्रबुद्ध नागरिकों ने हिस्सा लिया. गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए रिटायर्ड प्रो रामनंदन सिंह ने कहा कि संघ का उद्देश्य प्रगतिवादी विचारधाराओं के लेखकों को एक सूत्र में बांधना है तथा उभरते हुए युवा कवियों को प्रेरित कर आगे बढ़ाना. कुमार रंजन ने कहा कि कवि हमेशा देश व समाज के प्रेरणास्रोत रहे हैं, जिनकी रचनाएं समाज को एक नयी दिशा देती है. कवि गोष्ठी की शुरुआत में राज कुमार शर्मा ने दरिद्र व्यक्ति की व्यथा पर आधारित कविता सुनायी, जबकि धीरेंद्र छतरहारवाला ने शोषण से मुक्ति पाने के संदर्भ में अंगिका में कविता पाठ किया. विनोद कुमार मिश्रा ने व्यंग विद्या में युवा कवि सम्मेलन के संदर्भ में कटाक्ष किया. डॉ इति झा ने तेरी तकदीर बड़ी प्यारी रे चारु.. मधुर लय में गायी. रवि शंकर साह ने प्रेम पर आधारित कविता- दूर-दूर रहकर मैं तुमसे दिल को कैसे बहलाऊं.. गया और खूब तालियां बटोरी. खोरठा कवि एफएम कुशवाहा ने बढ़ते अपराध पर आधारित कविता सुनायी, जबकि डॉ सविता घोष ने बांग्ला भाषा में कविता पाठ किया. डॉ शिप्रा झा ने मधुर कंठ से नारी को आगे बढ़ाने के भाव पर आधारित कविता पाठ की. अनिल कुमार झा ने रिटायर्ड होने के बाद लोगों को किन किन परिस्थितियों से जूझना पड़ता है इस पर आधारित कविता सुनकर सबका मन मोह लिया. अनीता चौधरी ने राह में जो आई पीर सबको हरो… सुनायी. इस अवसर पर कपिल देव राणा, उदयेश रवि, बबन बदिया, रमेश चंद्र झा, जालेश्वर ठाकुर शौकीन, सुधा श्री, हरे कृष्णा राय, अरुण शर्मा, वीरेश वर्मा, पुनीत दुबे, ज्योति कुमारी, अलका सोनी आदि मौजूद थे. लिये गये प्रस्ताव विचार गोष्ठी में सर्वसम्मति से प्रगतिशील लेखक संघ का जिला सम्मेलन प्रेमचंद जयंती के अवसर पर करने का लिया गया. इसके लिए शीघ्र कमेटी गठित की जायेगी. हाइलाइट्स प्रगतिशील लेखक संघ के बैनर तले युवा और वरिष्ठ कवियों की शानदार प्रस्तुति अंगिका, बांग्ला, खोरठा और हिंदी में गूंजी रचनाएं, श्रोताओं ने की सराहना नारी, प्रेम, शोषण और पीड़ा पर रचनाओं ने किया भाव विभोर प्रेमचंद जयंती के अवसर पर होगा जिला सम्मेलन
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