करौं. स्थानीय दे पाड़ा स्थित मां गंधेश्वरी की वार्षिक पूजा सोमवार को भक्तिमय माहौल में संपन्न हो गयी. इस अवसर पर मंदिर में मां गंधेश्वरी की मूर्ति स्थापित की गयी. पंडितों द्वारा फल- फूल, नावेद से मां गंधेश्वरी की विधिवत पूजा अर्चना की गयी. पूजा में गंध वनिक समाज के सैकड़ों स्त्री-पुरुष व बच्चे शामिल हुए. पूजा के बाद प्रसाद का वितरण किया गया. बताया जाता है की मां गांधारी दुर्गा का ही एक रूप है, जिन्होंने गंधासुर नामक राक्षस का वध किया था. जिससे दुर्गा का एक नाम गंधेश्वरी पड़ा. यहां पर पूजा प्रत्येक वर्ष बांग्ला संवत के अनुसार वैशाख पूर्णिमा को आयोजित होती है. समाज से जुड़े लोग का कहना है कि अपने व्यवसाय में तरक्की व सुख-समृद्धि के उद्देश्य से मां की पूजा की जाती है. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है.
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