संवाददाता, देवघर. मोहनपुर अंचल कार्यालय में जमीन का ऑनलाइन म्यूटेशन के साथ लगान रसीद के आवेदन भी पेंडिंग है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगान रसीद के लिए मोहनपुर अंचल में कुल 152 आवेदनों में 112 निष्पादित किये गये हैं, जबकि 40 अभी तक पेंडिंग है. लगान रसीद का प्राप्त ऑफलाइन आवेदन में 112 आवेदन का निष्पादन तो किया गया है, लेकिन इसमें कई आवेदकों का निष्पादन त्रुटि की वजह से बगैर कोई निष्कर्ष के निष्पादित कर दिया गया है. शेष 40 आवेदकों के आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया गया है. म्यूटेशन निष्पादन के भी पूरे एक वर्ष में स्थिति काफी खराब रही है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में जमीन के म्यूटेशन के लिए कुल 498 आवेदन आये हैं. इसमें 401 आवेदन का निष्पादन किया गया है, जबकि 97 आवेदन पेंडिंग है. एक वर्ष के दौरान निष्पादित किये गये अधिकत्तर आवेदनों को त्रुटि की वजह से रिजेक्ट कर दिया गया है. मोहनपुर में म्यूटेशन, लगान रसीद व त्रुटि सुधार के लिए महीनों से आवेदकों को चक्कर लगाना पड़ रहा है. मोहनपुर अंचल कार्यालय में जमीन के म्यूटेशन का ऑफलाइन दस्तावेज प्राप्त तो कर लिये जाते हैं, लेकिन अंचल कार्यालय में इन दस्तावेजों का कोई लेखा-जोखा नहीं है. म्यूटेशन के लिए प्राप्त ऑफलाइन आवेदन व निर्गत म्यूटेशन की संख्या का ब्यौरा तक रजिस्टर में दर्ज नहीं है. डिलिंग असिस्टेंट के पास भी म्यूटेशन का कोई ऑफलाइन रजिस्टर अपडेट नहीं है. आवेदकों को ऑफलाइन म्यूटेशन का दस्तावेज राजस्व उपनिरीक्षक के आवास में जमा करने के लिए चक्कर लगाना पड़ता है.
डीए अपना लॉगिन भी नहीं करते हैं प्रयोग
झारभूमि की वेबसाइट के अनुसार जमीन की म्यूटेशन में चार स्तर पर ऑनलाइन आवेदन से गुजरता है. इसमें राजस्व उपनिरीक्षक, सीआइ, डिलिंग असिस्टेंट (डीए) व सीओ के स्तर से म्यूटेशन का ऑनलाइन आवेदन गुजरता है. मोहनपुर में पिछले एक वर्ष से डीए अपनी लॉगिन का खुद प्रयोग नहीं करते हैं. डीए के लॉगिन से आवेदन सीधे सीओ के पास पहुंच जाता है. छह महीने के दौरान डीए भी मनमाने तरीके से बदल दिये गये हैं. यही कारण है कि डीए के पास ऑनलाइन म्यूटेशन का कोई रजिस्टर अपडेट नहीं है, जबकि राजस्व विभाग का सख्त निर्देश है कि डिलिंग असिस्टेंट को प्राप्त व निर्गत म्यूटेशन के आवेदनों का ब्योरा रजिस्टर में अनिवार्य रूप से ऑफलाइन भी रखना है. इस अव्यवस्था से झारभूमि के गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो पा रहा है. झारभूमि में ऑनलाइन व्यवस्था चालू होने से अब म्यूटेशन का ब्यौरा भी ऑनलाइन दर्ज रहता है. कुल प्राप्त व निर्गत म्यूटेशन के आवेदनों की संख्या ऑनलाइन निकाल ली जाती है. अब कार्यालय में रजिस्टर मैंटेन की जरूरत नहीं है. अंचल में नियम के अनुसार समय पर लगान वसूली, त्रुटि सुधार व म्यूटेशन का काम चल रहा है. जांच में त्रुटि मिलने पर आवेदनों को रिजेक्ट किया जाता है.
– अमृता कुमारी, सीओ, मोहनपुर
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है