देवघर. यदि कोई कारखाना संचालक या कंपनी 30 जून तक अपनी वार्षिक विवरणी (एनुअल रिटर्न) जमा नहीं करते हैं, तो उनका लाइसेंस रद्द या सीज किया जा सकता है. यह कंपनी अधिनियम, 1948 के तहत एक अनिवार्य आवश्यकता है और इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना या अन्य कानूनी कार्रवाई भी संभव है. उक्त बातें श्रम विभाग के उपप्रमुख सह देवघर के कारखाना निरीक्षक विनीत कुमार सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के सभी दखलकार या प्रबंधक से स्पष्ट आग्रह है कि वो 30 जून से पहले वार्षिक विवरणी जमा कर दें. अन्यथा कंपनी का लाइसेंस सीज हो जायेगा. उन्होंने बताया कि देवघर सर्किल में 172 से अधिक कारखाने रजिस्टर्ड हैं, जिसमें से 133 ने अपना रिटर्न फाइल कर दिया है. शेष के पास 30 जून तक का समय है. विभागीय निर्देशों के तहत सभी कंपनी/कारखाना को वार्षिक विवरणी जमा करना अनिवार्य है. नियमानुसार 31 मार्च के बाद यानि एक अप्रैल से 30 जून तक विवरणी जमा करने वाले प्रबंधक को सौ फीसदी रिन्युअल फाइन जमा करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि मेरे ही कार्यकाल में देवघर सर्किल में 2023 से 2025 के बीच दो वर्षों के दौरान कारखाना नियम के उल्लंघन के आरोप में पांच कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. इनमें लॉ ओपाला, मधुपुर, एमपी माइनिंग, जसीडीह, देवघर-दुमका पथ पर आमगाछी के समीप चौधरी कंपनी सहित दो अन्य कंपनी के नाम भी शामिल हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है