संवाददाता, देवघर : नगर निगम क्षेत्र में नियमों को ताक पर रखकर शौचालय टैंक की सफाई करने वाले निजी सफाई वाहन मनमानी पर उतर आये हैं. ये वाहन न केवल लोगों से मोटी रकम वसूल रहे हैं, बल्कि सफाई में निकले गाद को खुले में फेंककर शहर में गंदगी और प्रदूषण फैला रहे हैं. इन वाहनों के संचालक की मनमानी इतनी बढ़ गयी है कि गाद को निगम कार्यालय के नजदीक जलसार पार्क के निकट फेंक रहे हैं. नगर निगम द्वारा शौचालय टैंकों से निकले गाद के सुरक्षित ट्रीटमेंट के लिए पछियारी कोठिया में एक आधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट तैयार किया गया है. यहां लाकर शौचालय गाद को प्रोसेस कर पर्यावरण अनुकूल खाद और उपयोगी जल में बदला जाता है. लेकिन निजी सफाई वाहन चालक इस प्लांट तक गाद पहुंचाने की जहमत नहीं उठा रहे हैं. वे शहर के सुनसान इलाकों में खुले नालों में ही गंदगी डाल दे रहे हैं, जिससे आस-पास के इलाकों में दुर्गंध और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.
तैयार हो रही सर्वोत्तम गुणवत्ता की खाद
नगर निगम की मानें तो पछियारी कोठिया स्थित प्रोसेसिंग प्लांट में शौचालय गाद को पूरी प्रक्रिया से गुजारकर पहले जल में बदला जाता है और फिर उसे कृषि योग्य उत्तम खाद के रूप में परिवर्तित किया जाता है. इस खाद की खासियत यह है कि इसके उपयोग से बंजर भूमि पर भी दो दिनों में बीज अंकुरित हो जाते हैं. इतना ही नहीं, इस प्रक्रिया से निकले जल का उपयोग वाहन धुलाई, मोटर पार्ट्स की सफाई जैसे कार्यों में भी किया जा रहा है. इस जल की मांग लगातार बढ़ रही है.
नये भवनों में लगेंगे सेफ्टी पाइप
सरकार ने अब शहरों के नये सिटी प्लान के अंतर्गत निर्माणाधीन भवनों में शौचालय टैंक से जुड़े विशेष पाइप लगाने का निर्देश जारी कर दिया है. यह पाइप हर तीन वर्षों में टैंक की सफाई के दौरान उपयोग में लाया जायेगा, जिससे बिना किसी तोड़-फोड़ के टैंक की सफाई संभव होगी. इससे ना केवल समय की बचत होगी, बल्कि आसपास के इलाकों में प्रदूषण फैलने की संभावना भी समाप्त हो जायेगी. कोलकाता और बैंगलुरु जैसे शहरों में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है और जल्द ही झारखंड के अन्य शहरों में भी इसे अनिवार्य किया जायेगा. नगर निगम ने आम लोगों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत सफाई वाहनों का ही उपयोग करें और गैरकानूनी सफाईकर्ताओं की सूचना तत्काल निगम को दें, ताकि शहर को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रखा जा सके.
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