संवाददाता, देवघर: पिछले तीन महीने से देवघर में डीडीसी व डीआरडीए सहित कई वरीय पदाधिकारियों का पद खाली है. 31 जनवरी से डीडीसी का पद खाली है, जबकि दिसंबर से डीआरडीए डायरेक्टर, वर्ष से एनइपी निदेशक व तीन महीने जिला कृषि पदाधिकारी का पद खाली है. अफसर के साथ-साथ ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल में कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग नहीं हुई, जिस कारण वित्तीय कार्य चार महीने से पूरी तरह ठप है. इन पदों के खाली रहने से ग्रामीण विकास की योजनाएं देवघर में प्रभावित हो गयी है. अधिकारियों के प्रभार में रहने से ग्रामीण विकास की योजनाएं धीमी पड़ गयी है. डीडीसी की पोस्टिंग नहीं रहने से 16 जनवरी से जिला परिषद की बैठक नहीं हुई है. जिला परिषद की पुरानी योजनाओं में भुगतान नहीं हो पाया है. जिला परिषद का संचालन सही ढंग से नहीं हाे पा रहा है. जिला परिषद कार्यालय में डीडीसी का लाखों रुपये का सुंदर कार्यालय बनकर तैयार है, लेकिन कार्यालय कभी चालू नहीं हुआ. डीडीसी का पद खाली रहने से मनरेगा, आवास योजना, 15वीं वित्त आयोग सहित विधायक मद की लंबित योजनाओं की समीक्षा, कृषि विभाग की योजना, ग्रामीण विकास योजना व पंचायतीराज विभाग के कामकाज की समीक्षा नहीं हो पा रही है. डीडीसी के टेबल से गुजरने वाली फाइलों के निष्पादन में देरी हो रही है. पिछले तीन महीन से डीडीसी के नहीं रहने से ग्रामीण विकास की 50 फीसदी कामकाज प्रभावित हो गया है. देवघर जिले से राज्य सरकार में एक मंत्री सहित दो विधायक रहने के बावजूद पिछले तीन महीनों से देवघर डीडीसी, डीआरडीए डायरेक्टर, कृषि पदाधिकारी जैसे पद खाली हैं. प्रभार से इन विभागों का कामकाज चल रहा है.
विशेष प्रमंडल में 15 से अधिक पुलाें का काम
प्रभावित
ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल में भी चार महीने से कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग नहीं हुई है. मार्च में विशेष प्रमंडल में दिलीप मरांडी को कार्यपालक अभियंता का प्रभार तो मिला, लेकिन वित्तीय प्रभार पर सचिव के स्तर से रोक लगा दी गयी है. वित्तीय प्रभार नहीं मिलने से विशेष प्रमंडल में 15 पुल निर्माण कार्य प्रभावित हो गया है. 15 पुल का काम धीमा पड़ गया है. आधे दर्जन नये पुल का काम चालू नहीं हो पाया है. पूरे विशेष प्रमंडल में 100 करोड़ रुपये से अधिक योजनाएं प्रभावित हैं.
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