धनबाद.
धनबाद जिला परिषद अपनी ही संपत्ति ढूंढने में जुटी है. वर्षों पहले ग्रामीण सड़कों के निर्माण में इस्तेमाल 16 रोड रोलरों में से अब तक सिर्फ दो ही मिल सके हैं. बाकी 14 रोड रोलर का अता-पता नहीं चल रहा है. गायब रोड रोलरों ने परिषद के अधिकारियों और कर्मियों को सकते में डाल दिया है. जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह ने कहा कि संबंधित कर्मियों से जवाब-तलब किया जायेगा कि आखिर रोड रोलर कहां गये. उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला बोर्ड की अगली बैठक में गंभीरता से उठाया जायेगा. असल में, पुराने समय में जब ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें जिला परिषद बनाती थी, तब ये रोड रोलर काफी उपयोगी थे. जैसे-जैसे निर्माण कार्य ग्रामीण विकास विभाग और अन्य एजेंसियों को सौंपे जाने लगे, ये भारी-भरकम मशीनें बेकार होती चली गयीं. आज हालत यह है कि कई मशीनें किसी कोने में जंग खा रही हैं. वहीं कइयों को लेकर आशंका जतायी जा रही है कि इन्हें स्क्रैप में बेच दिया गया होगा.रोड रोलर मशीनों का पता लगाना चुनौती से कम नहीं
हाल में हुई जिला परिषद बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया था कि सभी 16 रोड रोलरों की नीलामी खुले डाक के जरिए की जायेगी. इसके लिए न्यूनतम कीमत तय करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसमें जिला परिवहन विभाग और आरटीओ की मदद ली जा रही है. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती है 14 रोड रोलरों का पता लगाना. संभावना जतायी जा रही है कि कुछ मशीनें कहीं डंप की गयी होंगी, तो कुछ कटिंग कर बेच दी गयी होगी. वर्षों पहले एक बार कागजी स्तर पर इनकी नीलामी की कोशिश हुई थी, लेकिन वह प्रक्रिया अधूरी रह गयी.
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