धनबाद.
केंद्र सरकार मजदूरों के अधिकारों और सुविधाओं को खत्म करने की साजिश कर रही है. मजदूरों के खिलाफ केंद्र की दमनकारी नीतियों के विरोध में कल नौ जुलाई को पूरे देश में शांतिपूर्ण हड़ताल की जायेगी. इसमें देशभर के लगभग 25 करोड़ मजदूर भाग लेंगे. उक्त बातें सोमवार को निरीक्षण भवन, धनबाद में ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन (आरसीएमयू) के महामंत्री एके झा ने कही. यह प्रेस कांफ्रेंस नौ जुलाई को प्रस्तावित एकदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर आरसीएमयू के महामंत्री एके झा के नेतृत्व में की गयी थी. इसमें उन्होंनें केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. बताया कि इस हड़ताल में सभी प्रमुख ट्रेड यूनियन, बैंक, कोयला खदानें एवं अन्य संस्थान हिस्सा लेंगे और सहयोग करेंगे.मजदूरों के भविष्य पर खतरा
श्री झा ने कहा कि स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोलियरियों के राष्ट्रीयकरण के माध्यम से मजदूरों के जीवन और जीविका की सुरक्षा सुनिश्चित की थी. वहीं आज केंद्र सरकार मजदूरों का हक छीनने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लागू किये गये चार श्रम कोड मजदूर विरोधी हैं. ये न केवल छंटनी और पेंशन जैसी सुविधाओं को खत्म करने की ओर बढ़ते कदम हैं, बल्कि मजदूरों के भविष्य पर भी गंभीर खतरा हैं. कार्यकारी अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने भी हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि यह हड़ताल मजदूरों के हक और अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी है. उन्होंने सभी ट्रेड यूनियनों से हड़ताल को सफल बनाने की अपील की. मौके पर अर्जुन सिंह, भवानी बंद्योपाध्याय, एसएस दे, स्वप्न बनर्जी, रंजय कुमार, अशोक कुमार साव, भारत भूषण, रामकृष्ण पासवान, नंदू यादव, दीनानाथ केवट, महेश प्रसाद, मो. जावेद अंसारी, विद्या प्रकाश पांडे, मो. इस्लाम, पप्पू कुमार तिवारी सहित कई नेता उपस्थित थे.
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