Dhanbad News : घनुडीह हरिजन कॉलोनी में भू-धंसान व गैस रिसाव के कारण हादसों के अंदेशा के बीच रह रहे लोग प्रबंधन से पुनर्वास की आस में हैं. पुनर्वास के इंतजार में रह रहे लोगों का कहना है कि प्रबंधन को किसी बड़ी अनहोनी होने का इंतजार है. बस्ताकोला एरिया 9 के घनुडीह बंद पोखरिया के पास करीब 50 घरों की हरिजन कॉलोनी भू-धंसान व आग की चपेट में रहने को मजबूर हैं.
संकट विकराल रूप लेने लगा है
: एक ओर जहां झमाझम बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर भूमिगत आग अपना पांव पसारते हुए हरिजन कॉलोनी के लोगों के सामने अपना भयंकर रूप दिखाते हुए घरों में जा पहुंचा है. विदित हो कि लगभग 15 वर्ष पूर्व घनुडीह परियोजना को डीजीएमएस ने सुरक्षा मानकों को अपनाते हुए परियोजना को भू- धंसान व अग्नि प्रभावित घोषित करते हुए बंद कर दिया था. बीसीसीएल कर्मियों के साथ-साथ मजदूरों को कुइयां कोलियरी में शिफ्ट कर दिया गया था, पर आज भी उक्त स्थल पर दैनिक मजदूरी करने वाले सैकड़ों परिवारों को अपने हालात पर छोड़ दिया गया है.न जमाडा पहल कर रहा, और न ही जरेडा
: ग्रामीणों ने बताया कि बीसीसीएल प्रबंधन ने कई बार कॉलोनी का सर्वे कराया, पर आज तक ना तो जमाडा़ आगे आया और ना ही जरेडा की ओर से ही कोई पहल हुई. यही नहीं, बीसीसीएल प्रबंधन ने भी कोई पहल नहीं की. इसका खमियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भोगना पड़ रहा है. वहां के ग्रामीण तरह-तरह की गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रहे हैं. अब तो घरों में भी गैस रिसाव होने लगी है, जिससे घरों की दीवारों के साथ-साथ जमीनों पर भी दरारें पड़ने लगी हैं.घरों की दीवार दरकने लगी है
: इस बाबत जनता मजदूर संघ (बच्चा गुट) असंगठित नेता एरिया 9 के सचिव रत्नेश कुमार यादव ने बताया कि जल्द ही इस संबंध में बस्ताकोला महाप्रबंधक से मिलकर पीड़ित परिवारों को मास्टर प्लान के तहत बसाने की पहल की जायेगी. गैस रिसाव की चपेट में रह रहे कालीचरण हाड़ी ने बताया कि उनके घर के आंगन व भीतर की दीवारों में दरारें पड़ी हैं. पूजा हाड़ी के आंगन में गैस रिसाव हो रहा है. लोगों का कहना है कि प्रबंधन इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाता है, तो किसी बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता है. इस बाबत कॉल करने पर पीओ से संपर्क नहीं हो पाया. मौके पर मीना हाड़ी, वासो हाड़ी, पुतुल हाड़ी, पूजा हाड़ी, गुड़िया हाड़ी, राजू हाड़ी, पुतुलबाला हाड़ी, कालीचरण हाड़ी आदि मुख्य रूप से भू- धंसान व अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रहने को मजबूर हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है