प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के किसानों को एक रुपये में एक हेक्टेयर जमीन पर लगे रबी फसल का बीमा जिला सहकारिता विभाग को करवाना था. इसके तहत विभाग को 10 हजार हेक्टेयर जमीन पर लगे फसलों का बीमा कराने का लक्ष्य दिया गया. मगर विभाग लक्ष्य का 50 प्रतिशत भी बीमा नहीं कर पाया. मात्र 4570 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलों का बीमा हो पाया. बीमा करने के लिए विभाग ने एक दिसंबर से 15 जनवरी तक का समय निर्धारित था. योजना के तहत गेहूं, चना, आलू और सरसों की फसल का बीमा करना था. बीमा कराने में धनबाद के किसान दूसरे जिलों के मुकाबले काफी पीछे रहे.
किसानों को आपदा नुकसान से राहत देना था उद्देश्य :
फसल बीमा योजना का उद्देश्य किसानों को किसी प्राकृतिक आपदा के दौरान होनेवाले नुकसान से राहत देने के लिए फसलों का बीमा किया जा रहा था. इसके तहत किसानों को मात्र एक रुपए देकर अपनी फसलों का बीमा कराने की सुविधा दी गयी थी. प्रज्ञा केंद्र या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से किसान योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दे सकते थे. बजाज एलियांज कंपनी को फसल बीमा करने का काम सौंपा गया था.जिले में होती है 10 हजार हेक्टेयर भूमि पर कृषि :
धनबाद जिले में कुल 10 हजार हेक्टेयर में खेती होती है. सिंचाई की सुविधा में कमी होने के वजह से किसान चाहकर भी खेती नहीं कर पाते हैं. धनबाद में वर्षा आधारित खेती की जाती है, जबकि रबी फसलों के लिए सिंचाई की जरूरत होती है. सिंचाई के अभाव में धनबाद में रबी फसलों की खेती नहीं हो पाती है.बारिश व ओलावृष्टि से सब्जी की फसल को नुकसान, पेड़ों से झड़ गये आम
गुरुवार को अचानक तेज आंधी के साथ बारिश व ओलावृष्टि से खेतों में लगी सब्जियों को नुकसान हुआ है. साथ ही तेज आंधी की वजह से पेड़ पर लगे आम पकने से पहले ही झड़ गये. हालांकि किसानों का कहना है कि नुकसान ज्यादा नहीं है. जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) अभिषेक मिश्रा ने बताया कि बलियापुर में अधिक कृषि होती है. ओलावृष्टि से वहां के फसलों को काफी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. एक दिन की बारिश से फसलों को नुकसान नहीं हुआ है. मगर किसी खेत में पानी निकासी की अच्छी व्यवस्था नहीं होगी, तो पानी जमा होने के वजह से फसल खराब हो सकते हैं. फसलों में कीड़े लगने की आशंका भी रहती है. जिले के सभी प्रखंडों से नुकसान की रिपोर्ट मांगी गयी है. डीएओ श्री मिश्रा ने बताया कि विभाग द्वारा जिले के सभी इलाकों से नुकसान का डाटा मांगा गया है. ताकि इसकी रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन को दी जा सके. हालांकि अभी तक किसी प्रखंड से किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं आयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है