नीरज अंबष्ट, धनबाद
झारखंड पुलिस ने आम आदमी की परेशानी को देखते हुए थानों में नयी सुविधा शुरू की है. अब थाना में शिकायत करने के बाद पीड़ित को बार-बार वहां जाकर यह पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि उनके आवेदन पर क्या निर्णय हुआ. प्राथमिकी दर्ज की गयी या नहीं. यदि पुलिस छानबीन के बाद ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करती है, तो आवेदनकर्ता के मोबाइल पर इससे जुड़ा एक मैसेज आ जायेगा. इसमें केस का डिटेल्स रहेगा. यह एक नया सिस्टम है, जो पीड़ित को तुरंत जानकारी प्रदान करता है. यह शिकायतकर्ता को घर बैठे ही एफआइआर की स्थिति जानने की सुविधा भी देता है.24 मई को पूरे राज्य में एक साथ शुरू हुई सुविधा
झारखंड पुलिस ने 24 मई को एक साथ पूरे राज्य में यह सुविधा शुरू की. जैसे ही थाना के क्राइम कंट्रोल ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम (सीसीटीएन) पोर्टल पर प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होती है, सभी कॉलम भरने के साथ ही आवेदनकर्ता का मोबाइल नंबर भी डाला जाता है. जैसे ही प्राथमिकी दर्ज होती है और कांड संख्या अंकित होती है, आवेदनकर्ता के मोबाइल पर कांड संख्या के साथ कन्फर्मेशन नोटिफिकेशन भेज दिया जाता है.नयी व्यवस्था का क्या है उद्देश्य
इस व्यवस्था का उद्देश्य आवेदनकर्ताओं को प्राथमिकी की स्थिति के बारे में जानकारी देना और उन्हें आगे की कार्रवाई के बारे में बताना है. इससे आवेदनकर्ताओं को अपनी प्राथमिकी की प्रगति के बारे में पता चल सकेगा और वे अपनी शिकायत के निवारण के लिए आवश्यक कदम उठा सकेंगे. इस व्यवस्था के तहत जब भी कोई प्राथमिकी दर्ज होगी, तो आवेदनकर्ता को एक मैसेज मिलेगा. इसमें प्राथमिकी संख्या, दर्ज करने की तारीख और समय तथा आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी होगी. इससे पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली सुधरेगी और आवेदनकर्ताओं का पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है