सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान का सेवन व प्रतिबंधित तंबाकू की बिक्री पर रोक के लिए सरकार ने कोटपा (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) कानून बनाया गया है. इस कानून का सख्ती से अनुपालन कराने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की है. बावजूद सार्वजनिक स्थानों पर जगह-जगह लोग धुंए का छल्ला उड़ाते और थूकते दिख जायेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि कोटपा कानून का पालन कराने के लिए बनी जिलास्तरीय टीम की कार्रवाई सुस्त है. टीम में एडीएम अध्यक्ष है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी विभाग प्रमुख को नोडल बनाया गया है. टीम में फूड इंस्पेक्टर भी शामिल हैं. 2024-25 के आंकड़ों पर नजर डाले तो जिलास्तरीय टीम द्वारा पिछलें एक साल में तंबाकू उत्पाद विक्रेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
तंबाकू उत्पाद बेचते पकड़े जाने पर जुर्माना के साथ जेल का है प्रावधान :
कोटपा कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान व प्रतिबंधित तंबाकू उत्पाद की बिक्री करते पकड़े जाने पर जुर्माना के साथ जेल भेजने का भी प्रावधान है. हालांकि इस कानून का पालन कराने के लिए बनी जिलास्तरीय टीम द्वारा कार्रवाई नहीं किये जाने से सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने और तंबाकू उत्पाद बेचने वालों का हौसला बुलंद हो गया है. खुलेआम तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं.2023 में तंबाकू निषेध दिवस पर अंतिम बार हुई थी कार्रवाई :
कोटपा कानून का पालन कराने के लिए बनी जिलास्तरीय टीम ने अंतिम बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर सार्वजनिक जगहों पर तंबाकू का सेवन करने व बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाया था. 31 मई, 2023 को चलाये गये अभियान के दौरान 20 लोगों को नियमों का उल्लंघन करते पकड़ा गया था. उनपर 1600 रुपये जुर्माना लगाया गया था. इसके बाद अबतक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है