Dhanbad News : बाघमारा प्रखंड की जमुआ पंचायत के मुखिया अर्जुन भुइयां की परेशानी बढ़ गयी है. अंचल कार्यालय द्वारा जारी जाति प्रमाणपत्र राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है. अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने इस संबंध में आदेश पत्र जिला प्रशासन को भेजा है. अब मुखिया पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गयी है. बताते चलें कि वर्ष 2022 के पंचायत चुनाव में जमुआ से मुखिया पद पर अर्जुन भुइयां निर्वाचित घोषित हुए थे. शिकायतकर्ता संजय दास भी चुनाव लड़े थे. अर्जुन भुइयां के जाति प्रमाण-पत्र काे लेकर संजय दास ने डब्ल्यूपी(सी)-5768/22 दर्ज कराया था. जाति छानबीन समिति के समक्ष मामला विचाराधीन रहा. तीन मई 2023 को पारित न्यायादेश का अनुपालन ससमय नहीं होने पर उन्होंने अवमानना संख्या-725/24 दायर कर दी. संजय दास ने 11 अक्तूबर 2022 को अध्यक्ष जाति छानबीन समिति सह सचिव अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग झारखंड को प्रेषित पत्र में उल्लेख किया है कि बाघमारा अंचल के जमुआ पंचायत के चुनाव में आरक्षित मुखिया पद के उम्मीदवार अर्जुन भुइयां ने जाति प्रमाण पत्र विधि के तहत नहीं बनाया है. जाति प्रमाण पत्र नॉमिनेशन आवेदन के साथ समर्पित किया गया है, जो अंचल कार्यालय बाघमारा के पत्रांक-1908 दिनांक 11-4-15 (प्रमाण पत्र संख्या-CST/2106/15/0239दिनांक11-4-15) से निर्गत किया गया है. अर्जुन भुइयां पिता स्व विशुन भुइयां झारखंड राज्य का स्थायी निवासी नहीं हैं. इनका पता पांडे गंगोट, पंचायत पांडे गंगोट, पोस्ट फुलडीह, थाना रूपो, प्रखंड कौवाकोल, जिला नवादा बिहार है.
अंचल अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा था
उपायुक्त के पत्रांक-2436, 21-4-25 के साथ संलग्न अंचल अधिकारी बाघमारा के प्रतिवेदन में उल्लेख है कि अर्जुन भुइयां निवासी जमुआ आंबेडकर नगर थाना कतरास के घर जाकर जारी प्रमाण पत्र संख्या CS T/21061/11-4-15 से संबंधित दस्तावेज के बारे में पूछताछ की. उनके द्वारा बताया गया कि उनका जाति प्रमाण पत्र स्थानीय जांच के आधार पर बना है, जो केवल मुखिया चुनाव के उद्देश्य से बनाया गया है. स्थल पर उपस्थित ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि अर्जुन भुइयां पिता स्व बिसुन भुईयां की जाति भुइयां है और वह बिहार के रहनेवाले हैं. अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो ने कहा कि उपायुक्त या जिला पंचायती राज पदाधिकारी का जो निर्देश मिलेगा, उसके तहत करवाई की जायेगी. वहीं मुखिया अर्जुन भुइयां ने कहा कि आयोग ने मेरी बात नहीं सुनी ओर मेरा जाति प्रमाण पत्र निरस्त्र कर दिया. इनके फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है