धनबाद.
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत धनबाद में निबंधित 24 में से 17 अस्पतालों में इलाज की सुविधा बंद है. वहीं जिन सात अस्पतालों में यह सुविधा चालू हैं, वे अस्पताल गंभीर बीमारियों से संबंधित मरीजों का इलाज इस योजना के तहत नहीं कर रहे हैं. जबकि सामान्य बीमारियों का इलाज हो रहा है. आयुष्मान से निबंधित इन अस्पताल संचालकों के अनुसार सरकार द्वारा मरीजों के इलाज के एवज में मिलने वाली राशि के भुगतान में अत्यधिक विलंब होने के कारण, उन्हें बड़ी बीमारियों से संबंधित मरीजों के इलाज की सेवा बंद करनी पड़ी है. ऐसे में मरीज परेशान हैं.धनबाद नर्सिंग होम ने बंद की डायलिसिस सेवा
आयुष्मान भारत योजना से निबंधित धनबाद नर्सिंग होम प्रबंधन ने हाल ही में इस योजना के तहत मरीजों की डायलिसिस सेवा बंद कर दी है. कारण आयुष्मान के मरीजों का डायलिसिस करने के एवज में सरकार से मिलने वाला पैसा लंबे समय से नहीं मिला है. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार एक मरीज का डायलिसिस करने में हजारों रुपये खर्च होते हैं. सरकार द्वारा लंबे समय से राशि का भुगतान नहीं किये जाने से अस्पताल चलाने में परेशानी हो रही है. ऐसे में अस्पताल में डायलिसिस समेत अन्य सेवाएं बंद की गयी है. इसी तरह भुगतान नहीं होने पर अन्य अस्पतालों ने भी गंभीर मरीजों का इलाज बंद कर दिया है.
गड़बड़ी के आरोपों के कारण 17 अस्पतालों में बंद है इलाज
धनबाद में आयुष्मान योजना के तहत निबंधित 24 में 17 अस्पतालाें पर गड़बड़ी का आरोप है. आयुष्मान की नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट (एनएएफयू) आरोपों की जांच कर रही है. मरीजों के इलाज के एवज में इन अस्पतालों को मिलने वाला पैसा रोक दिया गया है. हालांकि, डिस्ट्रिक्ट ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी (जिला शिकायत निवारण समिति) द्वारा इनमें से कई अस्पतालों को आरोपों से मुक्त किया गया है. इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के इडी को भेजी गयी है. आयुष्मान के तहत दोबारा से इलाज शुरू करने के लिए इडी स्वीकृति प्रदान करेगी. वर्तमान में जिले में सिर्फ सात अस्पतालों में ही आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज हो रहा है.
इन अस्पतालों में चालू है आयुष्मान से इलाज की सुविधा
: चौधरी नर्सिंग होम, धनबाद नर्सिंग हाेम प्राइवेट लिमिटेड, डॉ ज्योति भूषण हेल्थ केयर एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड, जिम्स हॉस्पिटल, प्रगति हॉस्पिटल, संजीवनी नर्सिंग होम, यशलोक हॉस्पिटल.इन अस्पतालों में गड़बड़ी की हो रही जांच
असर्फी अस्पताल, एशियन द्वारिकादास जालान अस्पताल, एएसजी आइ हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, सनराइज हॉस्पिटल, पाटलीपुत्र नर्सिंग होम, सर्वमंगला नर्सिंग होम, राजेश्वरी हेल्थ केयर एंड रिसर्च सेंटर, लाइफ केयर हॉस्पिटल, राज क्लीनिक एंड रिसर्च सेंटर, अविनाश हॉस्पिटल, झारखंड डायबिटिक एंड आइ सेंटर, जय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, पूजा नर्सिंग होम, जेपी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, लाइफ लाइन हॉस्पिटल, आरोग्य नर्सिंग होम.तीन लाख से ज्यादा लोगों को नहीं मिल रहा आयुष्मान से इलाज का लाभ
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में तीन लाख से ज्यादा लोगों का आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड बनाया गया है. यह आंकड़ा 2024-25 में जारी किया गया है. ऐसे में तीन लाख से ज्यादा लोगों को आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क इलाज की सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है.70 वर्ष के बुजुर्गों का भी इलाज बंद
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग धनबाद के बड़े अस्पतालों में नि:शुल्क चिकित्सा सेवा के लाभ से वंचित हैं. योजना के तहत बुजुर्गों को आयुष्मान से निबंधित बड़े अस्पतालों में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वय वंदना कार्ड बनाया गया है. वय वंदना कार्ड रहते विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित बुजुर्ग धनबाद के बड़े अस्पतालों में इलाज कराने से वंचित है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है