देश की सबसे बड़ी कोकिंग कोल उत्पादक कंपनी बीसीसीएल ने सोमवार को धनबाद के वेडलॉक ग्रीन्स होटल्स एंड रिसॉर्ट्स में स्टील उद्योग के प्रमुख हितधारकों व उपभोक्ताओं के साथ उच्चस्तरीय बैठक सह कार्यशाला आयोजित की. इसमें स्टील इंडस्ट्री से जुड़े 25 से ज्यादा हितधारकों व उपभोक्ताओं ने भाग लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता ने की. उन्होंने कहा कि बीसीसीएल भारत की कोकिंग कोल आपूर्ति की रीढ़ है, जो गुणवत्ता प्रदान करने, पारदर्शिता को सक्षम करने और राष्ट्र के ऊर्जा और औद्योगिक लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए नवाचार को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है. हमें प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण, घरेलू उद्योगों को सशक्त बनाने और आयात निर्भरता को कम करने के साथ अपने प्रयासों को संरेखित करने पर गर्व है. कोयला उद्योग महत्वपूर्ण तकनीकी परिवर्तन की कगार पर है. बीसीसीएल में हमारा रणनीतिक ध्यान तेजी से इस्पात क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने की ओर निर्देशित है. ऐसे में हमारा उद्देश्य कोयला व इस्पात क्षेत्रों के बीच पारस्परिक सहयोग का सुदृढ़ीकरण व आत्मनिर्भर भारत के तहत आयात प्रतिस्थापन तथा व्यापार सुगमता को बढ़ावा देना है. सीएमडी श्री दत्ता ने कहा यह संवादात्मक सत्र इस्पात उद्योग के साथ स्थायी साझेदारी बनाने के लिए बीसीसीएल की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत बीसीसीएल के सीएमडी श्री दत्ता ने कोल इंडिया के निदेशक (विपणन) मुकेश चौधरी व कंपनी के निदेशक मंडल के साथ दीप प्रज्जवलित कर की. मौके पर बीसीसीएल के निदेशक (एचआर) एमके रमैया, डीएफ आरके सहाय, निदेशक तकनीकी (परिचालन) संजय कुमार सिंह, निदेशक तकनीकी (योजना व परियोजना) एमके अग्रवाल, जीएम (सेल्स एंड मार्केटिंग) हितेश वर्मा समेत बड़ी संख्या में बीसीसीएल के अधिकारी के अलावा स्टील इंडस्ट्री से जुड़े हितधारक व उपभोक्ता उपस्थित थे.
लिंकेज नीति के उदारीकरण के बारे में दी गयी जानकारी :
बीसीसीएल ने प्रतिभागियों को लिंकेज नीति के उदारीकरण के बारे में जानकारी दी. इससे मौजूदा या आगामी कोकिंग कोल वाशरी तथा अन्य वाशरी उत्पाद-उपभोग करने वाले उद्योगों जैसे कि यूनाइटेड पावर प्लांट, सीमेंट, पेपर, टेक्सटाइल तथा कैप्टिव पावर प्लांट के साथ स्टील प्लांट द्वारा संघ बनाने की अनुमति दी गयी. यह सुधार समय सीमा तथा भागीदारी में अधिक लचीलापन लाता है. स्वदेशी कोयला धुलाई अवसंरचना में निवेश को प्रोत्साहित करता है तथा आयातित कोयले पर निर्भरता को कम करता है. ट्रांच-8 नीलामी ने लिंकेज अवधि अर्थात 15 वर्षों के दौरान प्रमुख स्टील प्लांट के साथ संघ के सदस्यों को बदलने की अनुमति देकर एक कदम और आगे बढ़ाया है.ट्रांच-8 कोकिंग कोल लिंकेज नीलामी पर हुई विस्तृत चर्चा :
कार्यक्रम में ट्रांच-8 कोकिंग कोल लिंकेज नीलामी पर विस्तृत चर्चा की गयी. इसमें सहयोग बढ़ाने, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और न्यायसंगत संसाधन पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कंसोर्टियम बोली की लचीलेपन को एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उजागर किया गया था. सत्र में कोयले की गुणवत्ता की तुलना, आयात प्रतिस्थापन रणनीतियों और इस्पात क्षेत्र में आपूर्ति विश्वसनीयता को मजबूत करने के लिए बीसीसीएल के दीर्घकालिक रोडमैप जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया गया. सेल, आरआइएनएल, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसपीएल, आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील, भूषण पावर एंड स्टील, सनफ्लैग स्टील, रूंगटा स्टील, श्याम सेल एंड पावर इएसएल स्टील, श्याम स्टील, यूनिसेवन, वीजा मिनमेटल, स्मोकलेस फ्यूल्स इंड प्राइवेट लिमिटेड, ऑरोमा, मेटालाइट कोक, वसुधा कोक सहित प्रमुख स्टील कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे. कार्यक्रम का समापन एक खुले प्रश्नोत्तर के साथ हुआ, जिससे हितधारकों को दृष्टिकोण साझा करने और स्पष्टीकरण मांगने में मदद मिली.परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है कोयला क्षेत्र :
विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित कोल इंडिया के निदेशक (मार्केटिंग) मुकेश चौधरी ने कहां कि भारत में कोयला क्षेत्र एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. आत्मनिर्भर भारत का सार स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से हमारी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने में निहित है. बीसीसीएल में रणनीतिक जोर बिजली क्षेत्र से इस्पात क्षेत्र की ओर स्थानांतरित हो रहा है. अकेले चालू वित्त वर्ष में 24 लाख टन से अधिक कोकिंग कोयला विशेष रूप से इस्पात उपभोक्ताओं को पेश किया गया है. पारदर्शिता और निष्पक्षता हमारे विपणन कार्यों के मूल में है. हमारी ऑनलाइन रिफंड प्रणाली को पूरी तरह से सुव्यवस्थित किया गया है. हमारा अंतिम उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनकी कोयला आवश्यकताओं को सहजता से प्राप्त करने और प्रबंधित करने में सक्षम बनाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है