बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आखिरकार वर्षों बाद उनके बकाया (पावना) का भुगतान किया जा रहा है. यह भुगतान परिवहन विभाग द्वारा उन कर्मियों को किया जा रहा है, जिन्होंने समय पर दावा किया है या जिनकी मृत्यु के बाद परिजनों ने दावा पेश किया है. परिवहन विभाग के अनुसार अब तक 50 से अधिक पूर्व कर्मियों का बकाया भुगतान किया जा चुका है. हालांकि, विभाग को 26 ऐसे कर्मियों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला और ना ही उनकी ओर से या उनके परिजनों ने कोई दावा पेश किया गया है. ऐसे में विभाग ने नोटिस जारी कर सभी संबंधित व्यक्तियों को दावा पेश करने का निर्देश दिया था. नोटिस जारी होने के बाद 26 में से अब तक केवल दो पूर्व कर्मियों के परिजनों ने दावा प्रस्तुत किया है. विभाग ने उनके दस्तावेजों की जांच कर पहचान सुनिश्चित करने के बाद उनके बकाया भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
राज्य बंटवारे के बाद से था बकाया लंबित :
झारखंड गठन के बाद से ही बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनका वेतन, पेंशन और अन्य देय भुगतान नहीं मिला था. इन कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के स्थान पर केवल पांचवें वेतनमान के आधार पर भुगतान किया गया. इससे उन्हें वर्षों तक आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. इसके अलावा ग्रेच्युटी, छुट्टी नकदीकरण, पेंशन आदि राशि अटक गयी थी. इस मामले ने बाद में कानूनी रूप ले लिया और संबंधित कर्मचारी कोर्ट की शरण में पहुंचे. कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया कि सभी पात्र कर्मियों को उनका पूर्ण बकाया भुगतान किया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है