लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ मंगलवार से शुरू हो रहा है. पंडित गुणानंद झा ने बताया कि एक अप्रैल मंगलवार को नहाय खाय के साथ महापर्व छठ शुरू होगा, जो चार अप्रैल को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के बाद संपन्न होगा. कोयलांचल में छठ को लेकर व्रतियों के यहां तैयारियां जोरों पर है. एक अप्रैल को नहाय खाय है. इस दिन व्रती स्नान-ध्यान कर व्रत को निर्विघ्न पूरा करने का संकल्प लेंगी. मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से अरवा चावल का भात, चने की दाल व कद्दू की सब्जी बनाकर भगवान भास्कर को अर्पित करने के बाद स्वयं ग्रहण करेंगी. इसके बाद परिवार व अन्य लोग कद्दू भात का प्रसाद ग्रहण करेंगे.
खरना कल :
दो अप्रैल बुधवार को खरना है. इसे लोहंडा भी कहते हैं. खरना के दिन व्रति सुबह से ही निर्जला उपवास रख शाम को स्नान करने के बाद नियम से खीर, रसिया, पूड़ी बनाकर छठी मइया को भोग लगायेंगी. उसके बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण करेंगी. इसके बाद उनके परिजन व इस्ट-मित्रों में प्रसाद वितरित किया जायेगा. खरना के बाद से व्रतियों का 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू हो जायेगा.तीन को दिया जायेगा भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य :
तीन अप्रैल गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जायेगा. इस दिन सुबह से ही प्रसाद बनाना शुरू कर दिया जाता है. संध्या में दउरा सजाकर कहीं घाट, तो कहीं घर की छत पर बने हौदा में भास्कर देव को अर्घ्य दिया जायेगा. चार अप्रैल शुक्रवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ पर्व का समापन होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है