केंद्र सरकार का खजाना भरने में महारत्न कंपनी कोल इंडिया टॉप पर है. कोल इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्र सरकार को 10,252.09 करोड़ रुपये का लाभांश (डिविडेंड) दिया है, जो सबसे अधिक है. कोल इंडिया विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन कंपनी है. इसने वित्त वर्ष 2024-25 में कोल इंडिया ने 781.06 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है. केंद्र सरकार को वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) से 74,016.68 करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में 63,749.29 करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ था. यानी लाभांश में करीब 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सर्वाधिक लाभांश देने में महारत्न कंपनी कोल इंडिया जहां पहले नंबर पर रही. जबकि लाभांश देने के मामले में तेल और गैस की दिग्गज कंपनी ओएनजीसी दूसरे स्थान पर रही है. इसने 10,001.97 करोड़ रुपए का लाभांश दिया है. वहीं भारत की शीर्ष ईंधन खुदरा विक्रेता कंपनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) ने 5,090.54 करोड़ रुपये, पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआइएल) 4,824.59 करोड़ व एनटीपीसी ने 4,088.16 करोड़ रुपए का लाभांश दिया है.
लाभांश में हो रही वृद्धि :
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) से लाभांश संग्रह में वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2021- 22 में सरकार को सीपीएसयू से 59,294 करोड़ रुपये का लाभांश मिला था. जबकि 2022- 23 में 59,533 करोड़ रुपये की मामूली वृद्धि हुई थी, लेकिन वित्त वर्ष 2023- 24 में यह आंकड़ा बढ़कर 63,749.29 करोड़ रुपए पर पहुंच गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है