Dhanbad News: कोल इंडिया अपने कर्मचारियों के कौशल, ज्ञान और समग्र दक्षता में वृद्धि के लिए एक बड़ी पहल करने जा रही है. कोयला उत्पादक कंपनी कर्मचारियों को माइनिंग सरदार, विद्युत पर्यवेक्षक, सर्वेयर, फार्मासिस्ट और स्टाफ नर्स जैसे महत्वपूर्ण कोर्सेज करा कर खाली पड़े पदों को भरने की योजना पर काम कर रही है. खास बात यह है कि डिग्री-डिप्लोमा की पढ़ाई का पूरा खर्च कंपनी खुद वहन करेगी. साथ ही, पढ़ाई के दौरान कर्मचारियों को उनका पूरा वेतन भी मिलेगा. मंगलवार को ऋषिकेश में हुई कोल इंडिया मानकीकरण समिति की बैठक में इस योजना पर सहमति बनी. जानकारी के मुताबिक, जल्द ही इस योजना को लागू किया जायेगा. कोल इंडिया डिस्टेंस एजुकेशन और रेगुलर कॉलेजों से पढ़ाई की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे कर्मचारी अपनी सुविधानुसार शिक्षा प्राप्त कर सकें.
जीएम एचआरडी करेंगे विभागीय जरूरतों का मूल्यांकन :
कंपनी की योजना के मुताबिक, मानव संसाधन विकास विभाग (एचआरडी) के जीएम एचआरडी आगामी पांच वर्षों के लिए विभागीय जरूरतों का मूल्यांकन करेंगे. सीएफडी की अनुमति के बाद चयन प्रक्रिया शुरू होगी. इसके तहत एप्टीट्यूड टेस्ट होगा. फिर चयनित कर्मचारियों को प्रवेश परीक्षा की तैयारी करायी जायेगी. परीक्षा पास करने वाले कर्मचारियों को कॉलेज में दाखिला दिलाया जायेगा. अध्ययन पूरा होने के बाद उन्हें संबंधित पद पर तैनात किया जायेगा.ट्यूशन फीस व हॉस्टल खर्च भी कंपनी करेगी वहन :
ट्यूशन फीस और हॉस्टल खर्च भी कंपनी वहन करेगी. लेकिन यूजी भत्ता (अंडरग्राउंड एलाउंस) नहीं मिलेगा. बता दें कि कोल इंडिया की यह पहल कामगारों के लिए एक बड़ा अवसर है. इससे न केवल कामगारों के कौशल में वृद्धि होगी, बल्कि कंपनी की उत्पादकता और दक्षता में भी सुधार होगा. इस योजना के तहत कामगारों को अपने कैरियर में आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे.योजना के क्या हैं लाभ व विशेषताएं
-नियमित कॉलेजों और डिस्टेंस एजुकेशन से डिग्री/डिप्लोमा करने की सुविधा होगी.
-अध्ययन अवधि के दौरान पूरे वेतन का भुगतान होगा, लेकिन यूजी भत्ता नहीं मिलेगा.-प्रतियोगी परीक्षा में सफल उम्मीदवारों का ट्यूशन फी व हॉस्टल खर्च भी कंपनी वहन करेगी.
-प्रमाण पत्र मिलने के बाद संबंधित संवर्ग में होगी नियुक्तिडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है