धनबाद.
डॉक्टर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट के बाद अब वाणिज्यकर विभाग ने जिले के 286 निजी अस्पताल व नर्सिंग होम संचालकों को प्रोफेशनल टैक्स भरने का नोटिस दिया है. पिछले 13 साल से ऐसे निजी अस्पताल व नर्सिंग होम संचालकों ने ना तो झारखंड प्रोफेशनल टैक्स (जेपीटी) का रजिस्ट्रेशन कराया है और ना टैक्स का भुगतान किया है. इन पर 92.9 लाख रुपये जेपीटी बकाया है. वाणिज्यकर विभाग के सचिव अमिताभ कौशल के निर्देश पर प्रोफेशन टैक्स की वसूली को लेकर कार्रवाई शुरू की गयी है. वाणिज्यकर अधिकारी के मुताबिक झारखंड प्रोफेशन टैक्स 2012 में लागू किया गया. इसके तहत निजी अस्पताल व नर्सिंग होम को सालाना 2500 रुपये प्रोफेशनल टैक्स देना है.30 मई तक भुगतान करें अन्यथा फ्रीज होगा बैंक अकाउंट
नोटिस में जिले के सभी निजी अस्पताल व नर्सिंग होम संचालकों को 30 मई तक टैक्स जमा करने का निर्देश दिया गया है. जेपीटी में निबंधन के साथ टैक्स का भुगतान कराने का निर्देश दिया गया है. ऐसा नहीं करनेवाले पर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. बैंक एकाउंट भी फ्रीज किया जा सकता है. जेपीटी के तहत विभिन्न आय वर्ग के लोगों के लिए वार्षिक स्तर पर अलग-अलग टैक्स स्लैब निर्धारित किया गया है. यहां के नर्सिंग होम व निजी अस्पताल संचालकों ने जो रिटर्न भरा है, उसमें जेपीटी का भुगतान नहीं हुआ है. निर्धारित तिथि तक टैक्स का भुगतान नहीं करने पर जुर्माना के साथ टैक्स वसूला जायेगा. जिले में 286 निजी अस्पताल व नर्सिंग होम हैं. इनमें धनबाद शहरी क्षेत्र में 104 व ग्रामीण क्षेत्र में 182 निजी अस्पताल व नर्सिंग होम हैं.
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