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Dhanbad News : कर्मियों की कमी से जूझ रहा धनबाद का पशुपालन विभाग, प्रभार में व्यवस्था

चिकित्सक और कर्मचारियों के अधिकांश पद खाली, भटकते हैं धनबाद जिले के पशुपालक

जिला पशुपालन विभाग का हाल बेहाल है. यहां की व्यवस्था प्रभार में चल रही है. चिकित्सक और कर्मचारियों के अधिकांश पद खाली हैं. इसका असर पशुओं की चिकित्सा पर पड़ रहा है. पशुपालक भटकने को विवश हैं. चिकित्सकों की कमी के कारण जहां नियमित रूप से अस्पतालों का संचालन नहीं हो रहा है, वहीं कर्मचारियों की कमी से व्यवस्था प्रभावित है. जिले में पशु चिकित्सकों के 34 में से 11 पद प्रभार में हैं. वहीं ग्रेड-4 कर्मचारियों के 63 में से 45 पद खाली हैं. ग्रेड-3 में गोविंदपुर व तोपचांची को छोड़ कहीं भी कर्मी नहीं है. यहां तक कि जिला पशुपालन पदाधिकारी का पद भी प्रभार में चल रहा है. डॉ आलोक कुमार सिन्हा को धनबाद के अलावा कई जगहों का प्रभार दिया गया है. जिले में पशुपालन पदाधिकारी व भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी के 34 पद हैं. इनमें सिर्फ 23 चिकित्सक हैं. 11 जगहों का पद प्रभार में चल रहा है. जिला पशुपालन पदाधिकारी धनबाद, पशु शल्य चिकित्सक धनबाद, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी गोविंदपुर, धनबाद, बलियापुर, टुंडी, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी टुंडी, जयरामपुर, नवागढ़, निरसा, कनीय पशु चिकित्सा पदाधिकारी धनबाद के पद प्रभार पर हैं.

चतुर्थ वर्गीय पदाें की यह है स्थिति :

ग्रेड 4 कर्मचारियों की बात करें, तो 63 में सिर्फ 18 कार्यरत हैं. शेष पद खाली हैं. स्वीकृत पदों के अनुसार, धनबाद में चार पदों पर एक भी चतुर्थवर्गीय कर्मी नहीं है. वहीं बाघमारा में चार में एक, केंदुआडीह में दो में शून्य, जोड़ापोखर में दो में शून्य, सिंदरी में दो में शून्य, गोविंदपुर में दो में एक, निरसा में दो में एक, बलियापुर में दो में एक, तोपचांची में दो में शून्य, टुंडी में दो में एक, महुदा में दो में एक, कतरास में दो में एक, जयरामपुर में दो में शून्य, निरसा में दो में शून्य, चिरकुंडा में दो में एक, ग्राम कार्यालय में दो में शून्य, आदर्श ग्राम में चार में एक कर्मी पदस्थापित है. ग्रेड तीन की बात करें, तो गोविंदपुर व तोपचांची में एक-एक कर्मचारी हैं. इसके अलावा किसी ब्लॉक में कर्मचारी नहीं हैं.

सालों पहले बने तीन प्रखंड, पर स्वीकृत नहीं हुआ पद :

एग्यारकुंड, केलियासोल, पूर्वी टुंडी प्रखंड बने सालों बीत गये, लेकिन पशुपालन विभाग ने अभी तक इन प्रखंडों के लिए अलग से पद स्वीकृत नहीं किया है. यही नहीं, पशुपालन विभाग के जिला मुख्यालय में पेट क्लिनिक 2013 से संचालित है. यहां भी चिकित्सक व कर्मचारियों का पद स्वीकृत नहीं है.

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