मिश्रित भवन के पीछे 22 साल से संचालित कामकाजी महिला छात्रावास में मंगलवार को सुरक्षाकर्मी व महिला के बीच हुई हाथापाई मामले में छात्रावास में रहनेवाली कामकाजी महिलाओं ने जहां हाॅस्टल अधीक्षक पर कई आरोप लगाये हैं, वहीं अधीक्षक का कहना है कि छात्रावास में महिलाएं दस साल से बिना किराया दिये रह रही हैं. यहां तक की मेस चार्ज देने में परेशान करती हैं. इसलिए मेस बंद कर दिया गया है.
छात्रावास में रहनेवाली वर्किंग वीमेन का कहना है हॉस्टल में किसी तरह की सुविधा नहीं है. सदर की सीडीपीओ संचिता भगत हॉस्टल के अधीक्षक के प्रभार में हैं, लेकिन उनकी जगह सुपरवाइजर सुनीता कुमारी चेकिंग करने आती हैं. अधीक्षक का भी व्यवहार संतोषजनक नहीं है. मंगलवार में हुई हाथापाई की घटना को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है. यहां 24 कामकाजी महिलाएं रह रही हैं. काम के सिलसिले में कभी लेट भी हो जाती है तो गेट नहीं खोला जाता है. एक ही साल में दो बार मेस चार्ज बढ़ा दिया गया. बेड शुल्क पांच सौ करने की बात की जा रही है. 45 कमरे के छात्रावास में लगभग 156 वर्किंग वीमेन व स्टूडेंटस रह रही हैं.गलत हैं महिलाओं के आरोप
छात्रावास की महिलाओं का आरोप गलत है. यहां दस दस सालों से कई महिलाएं बिना शुल्क दिये रह रही हैं. ऐसी पांच महिलाओं को हॉस्टल खाली करने का नोटिस भेजा गया है. मंगलवार को उषा टुडू ने सुरक्षाकर्मी के साथ दुर्व्यवहार किया. सुरक्षा कर्मी ने धनबाद थाना में लिखित आवेदन दिया है. उसे भी हॉस्टल खाली करने का नोटिस दिया गया है. महिलाएं खाना खाने के बाद मेस चार्ज देने में परेशान करती थी.संचिता भगत,
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