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Dhanbad News : शहर की हरियाली पर मंडरा रहा संकट, तो लोगों की जिंदगी भी दांव पर

कब चेतेंगे जवाबदेह. शहर में 5.2 किलोमीटर के दायरे में लगे हैं 1186 पौधे, 225 के गैबियन टूटे, सड़क पर झुके बांस राहगीरों को कर रहे घायल

शहर की आबोहवा ठीक रखने और प्रदूषण को संतुलित रखने के लिए वर्ष 2022 में तय किया गया कि शहर के सिटी सेंटर से किसान चौक व रणधीर वर्मा चौक से गोल बिल्डिंग तक सड़क की डिवाइडर के बीच में अशोक के पौधे लगाये जायेंगे. इन पौधों के माध्यम से शहर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ कोयलांचल की गर्मी को भी साधने की कल्पना थी. इसके लिए तीन एजेंसियों को काम दिया गया. मेसर्स हरेंद्र कुमार सिंह को शहरी क्षेत्र का काम सौंपा गया था. एजेंसी के जिम्मे पौधों को लगाने और तीन साल तक उसकी देख-रेख का भी काम दिया गया था. इसके लिए तीन साल तक अलग-अलग भुगतान करना था. पहले साल एजेंसी को 1172 रुपये प्रति पौधे दिये गये. दूसरे वर्ष 512 रुपये तथा तीसरे वर्ष 452 रुपये प्रति पौधे भुगतान किये जाने थे. जानकारों के अनुसार, तीन साल बीत जाने के बाद भी अभी तक शहर में सभी तय हिस्सों में पौधे नहीं लगाये जा सके हैं और ना ही एजेंसी को पूरा भुगतान किया जा सका है. जिन इलाकों में पौधे लगाये भी गये हैं, उनकी स्थिति बेहतर नहीं है. प्रभात खबर की टोली ने आइआइटी आइएसएम से भूईंफोड़ मंदिर तक 5.2 किलोमीटर का जायजा लिया. इस दौरान हालात उत्साहित करने वाले नहीं दिखे. पढ़ें यह रिपोर्ट.

क्या हाल है पौधों का :

भूईंफोड़ मंदिर से आइआइटी आइएसएम तक 5.2 किलोमीटर के दायरे में डिवाइडर पर 1186 पौधे लगे हुए हैं. इनकी सुरक्षा के लिए बांस का गैबियन लगाया गया था, पर इनमें से 225 पौधों के गैबियन टूट कर लटके हुए हैं. 155 के गैबियन पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं. देखरेख के अभाव में 14 पौधे सूख चुके हैं, तो पांच का अस्तित्व भी मिट गया है.

सड़क पर लटके गैबियन कर रहे घायल :

पौधों की सुरक्षा के लिए बांस का गैबियन लगाया गया है, पर देखरेख की कमी से ये सबसे बड़ी परेशानी का कारण बने हुए हैं. बांस का होने के कारण इनमें से अधिकांश सड़ कर टूट रहे हैं. अभी रोज आ रही आंधी से ये गैबियन पौधा सहित सड़क पर झूल रहे हैं, जो आते-जाते लोगों को घायल कर रहे हैं.

आवारा पशु भी पहुंचा रहे नुकसान :

धनबाद का शहरी हिस्सा आवारा पशुओं से परेशान है. खासकर सांड का उत्पात सबसे ज्यादा है. शहर में कई लोगों की मौत हो चुकी है, तो कई इनके कारण घायल हो चुके हैं. ये सांड डिवाइडर के इन पौधों को तोड़ देते हैं. निगम ने इनसे मुक्ति के लिए कई प्लान बनाये, पर अब तक कुछ नहीं हुआ.

अब मेंटेनेंस का काम मेरा नहीं :

शहरी क्षेत्र में काम कर रही एजेंसी मेसर्स हरेंद्र सिंह के हरेंद्र सिंह ने कहा कि उनको शहरी क्षेत्र में 7518 पौधे लगाने के लिए वर्ष 2022 में टेंडर मिला था. इस क्रम में सिटी सेंटर से किसान चौक, रणधीर वर्मा चौक से गोल बिल्डिंग, मेगा स्पोर्ट्स, कोयलानगर, कब्रिस्तान आदि जगहों पर अशोक के 7518 पौधे लगाये गये हैं. उनकी एजेंसी को मेंटेनेंस का काम सितंबर 2024 तक करना था. इसके लिए निगम ने एक साल का पैसा तो दिया, पर दो साल के पैसे का अब तक भुगतान नहीं किया गया, फिर भी वह पौधों की सुरक्षा का काम करा रहे हैं.

निगम निगरानी कर रहा है

पौधे लगाने व उसके मेंटेनेंस के लिए एजेंसी के साथ तीन साल का करार हुआ था. इसके तहत तीन एजेंसी को तीन चरणों में छह करोड़ रुपये का भुगतान करना है. नगर निगम की ओर से इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है. पौधे सूख जाते हैं या गैबियन टूट जाता है, तो इसकी सूचना एजेंसी को दी जाती है. एजेंसी उसकी मरम्मत करवाता है.

प्रकाश कुमार,

सहायक नगर आयुक्त

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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