राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ आशा लकड़ा ने बुधवार को बीसीसीएल के उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इसमें उन्होंने अनुसूचित जनजाति समुदाय के कर्मचारियों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की और अधिकारियों को कई निर्देश दिये. डॉ लकड़ा ने बीसीसीएल में कार्यरत अनुसूचित जनजाति कर्मचारियों को मुआवजा, अनुकंपा आधारित नियुक्ति और पुनर्वास से जुड़ी विस्तृत जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा. साथ ही बीसीसीएल के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों, रोस्टर प्रणाली के अनुपालन व बैकलॉग भर्तियों की जानकारी प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है. डॉ लकड़ा ने माइनिंग क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों की संख्या, स्थानीय लोगों की भागीदारी, पेंशन, ट्रेनिंग, पीएफ, ग्रेच्युटी और रिटायरमेंट लाभों की भी जानकारी मांगी. जन्म तिथि से संबंधित गड़बड़ियों को जल्द सुधारने के निर्देश दिया है. डॉ लकड़ा ने सीएसआर फंड का उपयोग करते हुए माइनिंग क्षेत्र के बच्चों को स्किल डेवलपमेंट की सुविधा देने, एग्यारकुंड स्थित तीन गांवों में हाइड्रेड से पेयजल आपूर्ति और बंद खदानों में जमा पानी को ट्रीटमेंट कर उपयोगी बनाने का भी सुझाव दिया है.
आदिवासी समुदाय के लिए स्वास्थ्य शिविर के आयोजन पर जोर :
बैठक के दौरान मुनिया देवी का मामला भी उठा, जो पिछले लगभग 30 वर्षों से अनुकंपा के आधार पर नौकरी मांग रही हैं. डॉ लकड़ा ने अधिकारियों को उन्हें शीघ्र नियुक्ति देने के निर्देश दिया है. साथ ही आदिवासी समुदाय के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर सिकल सेल और एनीमिया की जांच, तोपचांची के 50 बिरहोर परिवारों के बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी और गणित की शिक्षा देने तथा महिलाओं के लिए स्वच्छता सुविधाएं जैसे टॉयलेट निर्माण और सेनिटरी पैड डिस्पोजल मशीन लगाने के निर्देश दिया है. रोस्टर के आधार पर नियुक्ति में गड़बड़ी मामले व माइनिंग सरदार की ट्रेनिंग पूरी करने के बावजूद नौकरी नहीं देने के मामले में डॉ लकड़ा ने जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बैठक में बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता, निदेशक (एचआर) मुरली कृष्ण रमैया, निदेशक तकनीकी (पीएंडपी) मनोज कुमार अग्रवाल, निदेशक (वित्त) राकेश कुमार सहाय सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है