बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) प्रशासन ने अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों को मिलने वाले वाहन चालक भत्ते पर रोक लगा दी है. विश्वविद्यालय ने शनिवार को आयोजित प्राचार्यों की बैठक में इस निर्णय से अवगत कराया. कुलपति प्रो रामकुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में विश्वविद्यालय के सभी 13 अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्य उपस्थित थे. प्राचार्यों को यह भत्ता वाहन चालक रखने के उद्देश्य से दिया जाता था. अब तक उन्हें प्रतिमाह 15 हजार रुपये की राशि इस मद में मिलती थी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने मार्च 2025 से इस भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दी है. मार्च माह के वेतन के साथ यह राशि प्राचार्यों को नहीं दी गयी.
वित्त सलाहकार ने उठाये थे सवाल, राजभवन ने भी जतायी आपत्ति :
विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, बीबीएमकेयू के वित्त सलाहकार ने सबसे पहले इस भत्ते पर सवाल उठाये थे. उन्होंने वित्त विभाग से यह स्पष्ट करने को कहा कि जब राज्य सरकार ने इस तरह के भत्ते की अनुमति नहीं दी है, तो फिर केवल विश्वविद्यालय सिंडिकेट के निर्णय के आधार पर इसका भुगतान क्यों किया जा रहा है. इसके साथ ही राजभवन की ओर से भी इस भत्ते पर आपत्ति जतायी गयी है.झारखंड के केवल दो विश्वविद्यालयों में मिलता था यह भत्ता :
बताया जा रहा है कि राज्य के आठ विश्वविद्यालयों में से केवल दो विश्वविद्यालय में ही अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों को यह भत्ता मिलता है. इसमें बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय और विनोबा भावे विश्वविद्यालय शामिल हैं. इनके ही अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों को वाहन चालक भत्ता प्रदान किया जाता था. बीबीएमकेयू में वर्ष 2021 तक यह राशि प्रतिमाह आठ हजार रुपये थी. बाद में विश्वविद्यालय सिंडिकेट द्वारा इसे बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिया गया था, तब से सभी अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्य इस राशि का लाभ ले रहे थे. अब इस पर रोक लगने से प्राचार्यों में असमंजस की स्थिति है. क्योंकि अब उन्हें वाहन चालक रखने पर अपने जेब से वेतन देना होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है