धनबाद.
पिछले पांच साल यानी वर्ष 2019 से 2024 के बीच विस्फोटकों के कारण खदानों में 21 घातक हादसे हुए. इनमें 44 लोगों की मौत हो गयी, जबकि 12 लोगों को गंभीर चोटें आयीं. ऐसे हादसों पर अंकुश लगाने को लेकर खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) ने आठ अप्रैल काे सर्कुलर जारी किया. इसमें खान मालिकों, एजेंटों और प्रबंधकों को विस्फोटकों व डेटोनेटरों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है. विस्फोटकों और डेटोनेटरों के उपयोग से पहले उनकी जांच और नियंत्रण के लिए उपयुक्त तंत्र स्थापित करने, खान सुरक्षा के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों व मानकों का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है. विस्फोटकों व डेटोनेटरों के निर्माताओं, उपयोगकर्ताओं और परीक्षण गृहों को भी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गयी है. इनके परीक्षण के लिए निर्धारित बीआइएस मानकों और दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने पर जोर दिया है. उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गयी है. मानक के अनुरूप नहीं थे डेटोनेटर : सर्कुलर के मुताबिक, हाल ही में एक खुली कोयला खदान में विस्फोटक सामग्री में विस्फोट की घटना के बाद खदान में इस्तेमाल किये जा रहे इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर का परीक्षण सिंफर धनबाद में किया गया. जहां इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर के कुछ बैच गुणवत्ता मानक (निर्धारित बीआइएस मानदंड) की आवश्यकताओं का पूरी तरह से पालन नहीं कर पाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है