आइआइटी आइएसएम धनबाद में शुक्रवार की रात 12 बजे से रविवार दोपहर 12 बजे तक देशभर के भावी टेक्नोक्रेट्स एक कमरे में बंद होकर तकनीकी नवाचार पर मंथन करेंगे. इस दौरान वे नौ कंपनियों द्वारा दी गईं 11 तकनीकी समस्याओं के साथ आम जीवन से जुड़ी चुनौतियों का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे. इस राष्ट्रीय स्तर के हैकाथॉन ””हैकफेस्ट 2025”” का आयोजन आइआइटी आइएसएम के डीन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन और एंटरप्रेन्योरशिप कार्यालय द्वारा किया गया है. इसमें कुल 126 टीमें भाग ले रही हैं. इनमें से 71 टीमें आइआइटी आइएसएम से और 55 टीमें अन्य तकनीकी शिक्षण संस्थानों से हैं. करीब 650 छात्र इस नवाचार प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं.
सीखने व आनंद लेने पर ध्यान दें छात्र :
पेनमैन ऑडिटोरियम में आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने किया. उन्होंने कहा कि यह केवल एक प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि तकनीकी नवाचार का उत्सव है. छात्र सीखने व आनंद लेने पर ध्यान दें. डिप्टी डायरेक्टर प्रो धीरज कुमार ने छात्रों को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप नवाचार करने के लिए प्रेरित किया.चुनौतीपूर्ण समस्याओं पर काम कर रहे छात्र :
इस 36 घंटे की मैराथन में छात्र एआई संचालित स्वायत्त सीमा निगरानी प्रणाली, टिकट बिक्री और इवेंट एनालिटिक्स के लिए मोबाइल ऐप विकसित करने जैसी चुनौतीपूर्ण समस्याओं पर काम कर रहे हैं. मौके पर डीन एकेडमिक प्रो. एमके सिंह, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. एसके गुप्ता, रजिस्ट्रार प्रबोध पांडे आदि उपस्थित थे.इंटर्नशिप का अवसर देंगी कंपनियां :
फैकल्टी को-ऑर्डिनेटर प्रो. सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि एक लाख रुपये पुरस्कार राशि और आकर्षक गिफ्ट्स के साथ यह प्रतियोगिता छात्रों को प्रतिभा दिखाने का बेहतरीन अवसर प्रदान कर रही है. कई प्रमुख कंपनियां इस कार्यक्रम से इंटर्नशिप के अवसर भी दे रही हैं. तकनीकी अधिकारी रमेश प्रसाद ने भी संबोधित किया. आयोजन में छात्र समन्वयक श्रेयांश संडिल्या, रुखसार, ऐश्वर्या सैनी और सुमित गुप्ता अहम भूमिका निभा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है