धनबाद.
धनबाद जिला अंतर्गत बलियापुर के आसनबनी में गत 12 जुलाई को कथित तौर पर अपनी जमीन से ग्रामीणों को जबरन बेदखल किये जाने की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता पंकज सिंह द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने बुधवार को धनबाद के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है.एलएआरआर एक्ट के उल्लंघन का आरोप
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि धनबाद पुलिस ने बलियापुर क्षेत्र के ग्रामीणों को बिना किसी पूर्व सूचना, कानूनी प्रक्रिया या पुनर्वास के जबरन बेदखल कर दिया है. आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग किया और कई ग्रामीणों के साथ मारपीट की गयी. इस कार्रवाई को भूमि अधिग्रहण पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 (एलएआरआर एक्ट) का उल्लंघन बताया गया है. कहा गया है कि बेदखली की यह प्रक्रिया ग्रामीणों के जीवन और सम्मान के अधिकार का सीधा हनन है. शिकायत के साथ फोटो और मीडिया रिपोर्ट्स के लिंक भी संलग्न किये गये हैं, जो आरोपों की पुष्टि करते हैं. मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कणूगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसे मानवाधिकारों का प्रथम दृष्टया गंभीर उल्लंघन माना है और मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत संज्ञान लिया है. आयोग ने निर्देश दिया है कि उपायुक्त और एसएसपी मामले की जांच कर आयोग को विस्तृत रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर भेजें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकार की जायेगी.
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