IIT-ISM Convocation | धनबाद, संजीव झा: धनबाद आइआइटी-आइएसएम के 45वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, यह जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत है. साथ ही शिक्षकों के प्रति सम्मान जताने का अवसर है. आप अपने ज्ञान एवं कौशल का उपयोग दुनिया में बदलाव लाने के लिए कर सकते हैं. अपने ज्ञान को व्यक्तिगत विकास तक के लिए सीमित नहीं रखें. ग्रीन इंडिया के निर्माण के लिए भी करें. अपनी बुद्धमिता से केवल नवाचार नहीं बल्कि सिद्धांत को भी बनाये रखें. आप भविष्य के निर्माता भी हैं.
विशिष्ट संस्थान है आइआइटी-आइएसएम
राष्ट्रपति ने कहा आइआइटी-आइएसएम एक विशिष्ट संस्थान है. इस संस्थान का 100 वर्षों का गौरवमय इतिहास रहा है. समय के साथ संस्थान ने अपने अंदर काफी बदलाव किया और एक अग्रणी संस्थान बन गया है. आइआइटी-आइएसएम ने शिक्षा एवं नवाचार का विकास किया है. यह संस्थान समाज के लिए काम कर रहा है. आदिवासियों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस चला रहा है. यहां पर जनजातीय युवाओं, महिलाओं को कौशल विकास के तहत दक्ष किया जा रहा है.
झारखंड की ताजा खबरें यहां पढ़ें
देश के विकास में आइआइटी आइएसएम की महत्वपूर्ण भूमिका
राष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि आपके ज्ञान एवं कौशल का उद्देश्य समाज, देश एवं विकास के लिए होना चाहिए. देश के संपूर्ण विकास में आइआइटी आइएसएम की महत्वपूर्ण भूमिका है. ब्राइट माइंड को गाइड करना है. डिजिटल युग में समाज की असमानता को समाप्त करना बड़ी चुनौती है. ऐसे में आइआइटी आइएसएम के ऊपर समाज को मार्गदर्शन करने का दायित्व बढ़ा है.
पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ा
पिछले कुछ वर्षों में पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ा है. आइआइटी आइएसएम केवल इंजीनियर नहीं पैदा करते. बल्कि सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में भी कर रहा है. भारत तकनीकी महाशक्ति बढ़ने की ओर बढ़ रहा है. यहां की प्रतिभाओं को सही दिशा देने की कोशिश हो रही है. इसके लिए रिसर्च एवं पेटेंट को बढ़ावा देना होगा. जटिल समस्याओं का रचनात्मक समाधान करना होगा.
इसे भी पढ़ें
धनबाद पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, IIT-ISM के दीक्षांत समारोह में छात्रों को करेंगी सम्मानित
Jharkhand Monsoon Session: शुरू हुआ मानसून सत्र, 4 अगस्त को पेश होगा अनुपूरक बजट