JPSC Success Story | पुटकी, संजय कुमार रवानी: धनबाद जिले के पुटकी थाना अंतर्गत जवाहर नगर केंदुआडीह बस्ती में एक छोटे-से मिट्टी के मकान में रहने वाली अनीता टुडू ने पहले प्रयास में ही झारखंड संयुक्त परीक्षा में सफलता हासिल की. अनीता को 278वां रैंक मिला है. अत्यंत ही गरीब परिवार से आने वाली अनीता टुडू की मां तुलसी देवी सब्जी बेचने का काम करती है. अनिता ने अब तक अपना पूरा जीवन एक छोटे से मिट्टी के जर्जर घर में बिताया है. उस घर में न तो शौचालय है न ही पानी की कोई व्यवस्था है.
ऐसे मिली अनीता को बीडीओ बनने की प्रेरणा
अनिता टुडू ने बताया कि वह मूल रूप से गिरिडीह जिले के गिरिडीह प्रखंड अंतर्गत शुलची पंचायत के भीतिया गांव की रहने वाली है. वर्ष 2022 में अनिता को जब आवासीय प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ी, तो उसे प्रखंड के काफी चक्कर लगाने पड़े. यही से अनिता को प्रेरणा मिली कि लोगों को एक साधारण से कागज के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है. अनिता ने गूगल के माध्यम से काफी रिसर्च किया कि सीओ या बीडीओ कैसे बनते हैं या उनका कार्य क्या है. इसके बाद अनीता ने तैयारी शुरू की और अंततः झारखंड प्रशासनिक सेवा में बीडीओ या सीओ बनने का श्रेय प्राप्त किया.
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डीएसपी विकास श्रीवास्तव ने की मदद
अनीता बताती है कि वह जीवन में झारखंड प्रशासनिक सेवा से ऊपर उठकर आईएएस बनकर देश सेवा में जाने की इच्छा रखती है. उसने बताया कि यूट्यूब पर “डीएसपी की पाठशाला” नाम से एक पेज है. इस पेज को डीएसपी विकास श्रीवास्तव चलते हैं, जो इस प्रकार के मेहनती बच्चों को रांची में नि:शुल्क सहायता उपलब्ध कराते हैं. अनीता को भी कामयाब बनाने में उनकी बड़ी भूमिका है.
सेल्फ स्टफी और कोचिंग के दम पर मिली सफलता
अनिता ने वर्ष 2014 में 84 प्रतिशत अंक के साथ मैट्रिक और 2016 में 69 प्रतिशत अंक के साथ इंटर की परिक्षा पास की है. इसके बाद अनिता ने स्नातक में बीबीकेएमयु अकाउंटस ऑनर्स से 69 प्रतिशत अंक हासिल किया था. उसने 2023 से रांची में रहकर सेल्फ स्टफी, कोचिंग एवं यूट्यूब चैनल डीएसपी की पाठशाला से पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की है.
नानी, मौसी समेत सभी ने बढ़ाया मनोबल
अनिता टुडू ने बताया कि किसी कारण से उसकी मां अपने पति बुधु टुडू को छोड़ कर अपने पिता के साथ जवाहर नगर में अपने पांच बच्चों को लेकर रहने लगी. अनीता को उसकी नानी, मौसी नमिता एवं कविता देवी, मामा राम प्रसाद हांसदा, पड़ोसी मनोज सिंह ने आर्थिक व मानसिक सहयोग किया. स्थानीय शिक्षक रंजन प्रसाद महतो, पड़ोसी प्रेम महतो ने भी अनीता का मनोबल बढ़ाया. अपने परिवार में अनिता दो बहनो में सबसे छोटी बहन हैं जबकि उसके 3 छोटे भाई हैं.
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