धनबाद.
उपायुक्त माधवी मिश्रा ने आइआइटी आइएसएम में आयोजित पांच दिवसीय लीडरशिप एंड मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम के तीसरे दिन बुधवार को छह राज्यों से आये पंचायती राज के प्रतिनिधियों को ग्रामीण प्रशासन और समावेशी विकास विषय पर प्रशिक्षण दिया. अपने संबोधन में उन्होंने स्थानीय प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. बताया कि कैसे स्थानीय प्रशासन सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सेतु का काम करता है. उन्होंने कहा कि योजनाओं को समय पर लागू करना आवश्यक है, अन्यथा विकास की गति प्रभावित होती है. उनका जोर पंचायत स्तर के कर्मियों व निर्वाचित प्रतिनिधियों के सशक्तीकरण पर रहा. उन्होंने बिरसा हरित ग्राम योजना जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे ये योजनाएं ग्रामीण समुदायों में आजीविका के टिकाऊ अवसर और वनीकरण को बढ़ावा दे रही हैं. मौके पर आइआइटी आइएसएएम के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा, उप निदेशक प्रो. धीरज कुमार, रजिस्ट्रार प्रभोध पांडे, कार्यक्रम समन्वयक प्रो. रजनी सिंह आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम के अन्य सत्रों में भी विविध विषयों पर चर्चा हुई. अभिषेक गुप्ता ने टुंडी के बायोडायवर्सिटी हेरिटेज सेंटर पर प्रकाश डाला. प्रो. शशांक बंसल ने “समय प्रबंधन और प्रोजेक्ट अप्रेजल ” पर चर्चा की. सोशल साइंटिस्ट दीपिका ए बारा ने ग्राम पंचायतों की भूमिका को समझाया. दिन का समापन प्रो. हिमांशु गुप्ता व प्रो. जीएस पाठक के सत्रों से हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है