लगभग दो साल से बंद पड़ा मोहलबनी विद्युत शवदाह गृह जल्द चालू होगा. विद्युत शवदाह गृह के लिए 15.17 लाख का तकनीकी स्वीकृति (टीएस) मिल गयी है. प्रशासनिक स्वीकृति के बाद विद्युत शवदाह गृह की मरम्मत के लिए टेंडर निकलेगा. मोहलबनी विद्युत शवदाह गृह में खराबी को लेकर प्रभात खबर प्रमुखता से उठाता रहा. इसपर संज्ञान लेकर नगर निगम प्रशासन ने पटना, बोकारो व बिहार शरीफ की कंपनियों से विद्युत शवदाह गृह का सर्वे कराया. तीनों कंपनियों से कोटेशन मांगा गया. किसी ने 12 लाख, तो किसी ने 14 लाख, तो किसी ने 18 लाख का कोटेशन दिया. इस आधार पर नगर निगम ने 15.17 लाख के टीएस पर मुहर लगायी. अब प्रशासनिक स्वीकृति का इंतजार है.
1.56 करोड़ के विद्युत शवदाह गृह में हुए मात्र 30 शवों का हुआ अंतिम संस्कार :
नगर निगम में अरबों की योजनाएं बनती है. टेंडर भी निकलता है. लेकिन ज्यादातर काम दबंगई या कमिशनखोरी के चक्कर में फंस कर आधा-अधूर लटक जाता है. कुछ योजनाओं की गुणवत्ता ठीक नहीं रहने के कारण मुश्किल से चार से छह माह में ही दम तोड़ देती है. इसका ताजा उदाहरण मोहलबनी का विद्युत शवदाह गृह है. 2022 में मोहलबनी मुक्तिधाम में नगर निगम के सौजन्य से 1.56 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक विद्युत शवदाह गृह बनाया गया. मुश्किल से दो माह भी यह ठीक से नहीं चला और बॉयलर का क्वायल जल गया. यहां 30 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था. लगभग दो साल से विद्युत शवदाह गृह बंद है.कोट
विद्युत शवदाह गृह के लिए टीएस हो चुका है. प्रशासनिक स्वीकृति के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जायेगा. विद्युत शवदाह गृह की मरम्मत किस मद से की जायेगी. इस पर जल्द निर्णय लिया जायेगा.
अनूप सामंता,
मुख्य अभियंता, नगर निगमडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है